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हार्वर्ड और MIT जैसे टॉप यूनिवर्सिटीज़ के स्टूडेंट्स बीच में क्यों छोड़ रहे हैं पढ़ाई

Harvard-MIT Students Dropping Out : दुनिया के टॉप-10 यूनिवर्सिटी में शामिल हार्वर्ड और MIT से कई स्टूडेंट्स ने अचानक अपनी पढ़ाई बीच में ही रोक दी है. उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया है. इस फैसले से दुनियाभर के एक्सपर्ट्स हैरान हैं.

हार्वर्ड और MIT जैसे टॉप यूनिवर्सिटीज़ के स्टूडेंट्स बीच में क्यों छोड़ रहे हैं पढ़ाई
छात्रों का मानना है कि अब कॉलेज डिग्री लेना पहले जैसा सुरक्षित नहीं रहा.

Harvard-MIT Students Dropping Out : दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज हार्वर्ड और MIT के कई स्टूडेंट्स बीच में ही पढ़ाई छोड़ रहे हैं. जो कि हैरान करने वाली बात है, क्योंकि इन इंस्टीट्यूट में पढ़ना दुनियाभर के छात्रों का सपना होता है. इसके लिए वे सालों-साल कड़ी मेहनत और तैयारी करते हैं. ये कॉलेज न सिर्फ अपनी एकेडमिक एक्सीलेंस के लिए जाने जाते हैं, बल्कि ग्लोबल लेवल पर टैलेंटेड छात्रों को आकर्षित करने के लिए भी फेमस हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि यहां के छात्र अचानक से पढ़ाई क्यों छोड़ने लगे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण...

छात्रों का मानना है कि अब कॉलेज डिग्री लेना पहले जैसा सुरक्षित नहीं रहा.

हार्वर्ड और MIT में पढ़ाई क्यों छोड़ रहे स्टूडेंट्स

दुनिया के सबसे बड़े और नामी यूनिवर्सिटीज से बीच में ही पढ़ाई छोड़ने के पीछे सबसे बड़ा कारण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, एआई की वजह से ही हार्वर्ड और MIT जैसे टॉप कॉलेजों के कई स्टूडेंट्स ने अपनी पढ़ाई अचानक छोड़ दी है. छात्रों का कहना है कि भविष्य अनिश्चित है. AI इंसानों की जगह ले सकता है, जिससे नौकरी पाना मुश्किल हो जाएगा. कुछ छात्रों को डर है कि AI का सुपर-इंटेलिजेंट रूप इंसान की जरूरत ही खत्म कर देगा. एक MIT के छात्र ने कहा, 'अगर AGI (Artificial General Intelligence) इंसानों से ज्यादा समझदार हो गया, तो इंसानों के लिए करियर और नौकरियों का कोई मतलब नहीं रहेगा.'

AI का डर क्यों बढ़ रहा है?

पहले AI को सिर्फ इंसानों का मदद करने वाला माना जाता था, लेकिन अब इसकी क्षमता ने चिंता बढ़ा दी है. मशीनें रिसर्च, डेटा एनालिसिस और मेडिकल फील्ड्स में इंसानों को पीछे छोड़ रही हैं. तेजी से ग्रोथ कर रही AI ने छात्रों में फ्यूचर अनसिक्योर होने का डर पैदा कर दिया है. इस डर का सबसे बड़ा कारण है AI का सुपर-इंटेलिजेंट रूप, जो इंसानों की तुलना में तेज और स्मार्ट साबित हो सकता है.

पढ़ाई छोड़ने के पीछे क्या सोच है

छात्रों का मानना है कि अब कॉलेज डिग्री लेना पहले जैसा सुरक्षित नहीं रहा. कंपनियां अब इंसानों की बजाय AI पर भरोसा कर रही हैं. कई छात्र रिसर्च और इनोवेशन के लिए अलग रास्ता अपना रहे हैं. कुछ ने AI से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर स्टार्टअप शुरू कर दिए हैं. इसका मतलब यह है कि युवा अब सिर्फ डिग्री पर निर्भर नहीं रहना चाहते, बल्कि AI के नए करियर अवसरों को अपनाना चाहते हैं.

एक्सपर्ट्स क्या कह रहे हैं

टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स का मानना है कि छात्रों का यह डर बेअसर नहीं है. AI तेजी से बढ़ रहा है और कई नौकरियां खत्म हो सकती हैं. लेकिन इंसानों की क्रिएटिविटी और इमोशनल सोच की जगह मशीन नहीं ले सकती. नए करियर के रास्ते खुल रहे हैं, बस युवा खुद को नई टेक्नोलॉजी के अनुसार बदलना होगा.

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