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This Article is From Jul 14, 2016

बेवजह हस्‍तक्षेप करने वाले सहकर्मियों के कारण काम के प्रदर्शन पर पड़ता है असर : रपट

बेवजह हस्‍तक्षेप करने वाले सहकर्मियों के कारण काम के प्रदर्शन पर पड़ता है असर : रपट
प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर
नई दिल्ली: सांस्‍कृतिक बेमेल और बेवजह हस्तक्षेप करने वाले कर्मचारियों की वजह से कार्यस्थल पर काम प्रभावित होता है और इससे कार्य प्रदर्शन और उत्पादकता पर भारी असर पड़ सकता है। यह बात एक रपट में कही गई।

टाइम्स जॉब्स के मुताबिक इस सर्वेक्षण में शामिल 1,400 पेशेवरों में से 60 प्रतिशत का कहना है कि उनकी व्यक्तिगत उत्पादकता में गिरावट के लिए उनके असंवेदनशील सहकर्मी जिम्मेदार हैं।

टाइम्स बिजनेस साल्यूशंस के रणनीति प्रमुख नीलांजन राय ने कहा, ''किसी संगठन की सफलता के लिए उसकी कार्य संस्कृति के साथ बेहतर तालमेल बिठाने वाले कर्मचारी महत्वपूर्ण है।'' टाइम्स जॉब्‍स के सर्वेक्षण में शामिल करीब 40 प्रतिशत पेशेवरों ने कहा कि जो सहयोगी उनके निजी दायरे में अनाधिकार प्रवेश की कोशिश करते हैं और हस्तक्षेप करते हैं तो वे सबसे अधिक खीझ पैदा करने वाले होते हैं।

इनके अलावा 30 प्रतिशत लोगों ने कहा कि एक अन्य किस्म के सहकर्मी ऐसे होते हैं जो हर चीज को लेकर शिकायत करते हैं। रपट के मुताबिक 24 प्रतिशत ने कहा कि एक सोशल मीडिया पर कुरेदने वाले सहकर्मी होते हैं जो सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हैं या तंग करते हैं।

इनके अलावा 22 प्रतिशत लोगों ने कहा कि तेज आवाज में लगातार बोलने वाले सहकर्मी सबसे अधिक तंग करने वाले होते हैं। रपट के मुताबिक 60 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि कार्यस्थल उनकी उत्पादकता को प्रभावित करने के लिए सहकर्मियों का व्यवहार जिम्मेदार है।

इसके अलावा 42 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वरिष्ठ और कनिष्ठ कर्मचारियों के मुकाबले मध्यम स्तर के कर्मचारी सबसे अधिक कष्टकारी होते हैं और ज्यादातर का मानना है कि पुरुष कर्मचारी महिला कर्मचारियों के मुकाबले ज्यादा तंग करने वाले होते हैं।

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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