एक बॉस या नियोक्ता किसी भी कर्मचारी को नौकरी पर रखते समय उसमें कई स्किल्स तलाशता है. इंटरव्यू के दौरान वह देखता है कि आप उसकी जरूरतों पर खरे उतरेंगे या नहीं. सिर्फ इंटरव्यू के समय ही नहीं, बल्कि प्रमोशन के दौरान भी आपको कई कसौटियों पर परखा जाएगा. कई सर्वे से यह बात भी सामने आ चुकी है कि कंपनियां अपने कर्मचारियों में सिर्फ वोकेश्नल या प्रोफेश्नल स्किल्स ही नहीं चाहती हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ कैंट ने इस संबंध में एक सर्वे किया है और उन स्किल्स की एक लिस्ट बनाई है जो कि हर नियोक्ता/बॉस/कंपनी अपने कर्मचारी में चाहता है. अगर आपमें ये क्वालिटीज़ हैं तभी आपकी प्रोफेशनल या वोकेश्नल डिग्री की अहमियत है वरना नहीं.
1. वर्बल कम्युनिकेशन: आज ज्यादातर कंपनियां चाहती हैं उनके कर्मचारी हर जगह कंपनी का प्रतिनिधित्व करने के काबिल हों. संवाद क्षमता हर काम में सफलता के लिए जरूरी है. किसी से सामने अपनी बात सही और स्पष्ट तरीके से रखने वाले लोग ही गंभीरता से लिए जाते हैं. ऐसे में आप लोगों में विश्वास जगा सकेंगे. वर्बल कम्युनिकेशन से ही आप अपने सुझाव बेहतर ढंग से अपने सीनियर के समक्ष रख सकेंगे.
2. टीम वर्क: हर कंपनी चाहती है कर्मचारी एक टीम की तरह काम करें. और टीम के सामूहिक प्रयास से ही लक्ष्य को प्राप्त करें.
3. कमर्शियल जागरूकता: एक कर्मचारी को आजकल उन कमर्शियल वास्तविकताओं से भी अवगत होना चाहिए जो कि कंपनी की तरक्की को नुकसान पहुंचा सकती हैं. आपको कंपनी के प्रतिद्वंदियों के बारे में पता होना चाहिए. बाहर कंपनी को लेकर क्या धारणा बन रही है, इसकी भी जानकारी होनी चाहिए.
4. समस्या हल करने की काबिलियत: एक कर्मचारी में संबंधित डाटा एकत्र करके, उसका विश्लेषण करने और निष्कर्ष तक पहुंचकर इश्यू को हल करने की योग्यता होनी चाहिए.
5. सेल्फ-मोटिवेशन: इंपलॉयी को सेल्फ-मोटिवेटिड होना चाहिए. ऐसे कर्मी अपनी टीम को भी प्रोस्ताहित करने का काम करते हैं. इससे न सिर्फ उनका व्यक्तिगत प्रदर्शन बल्कि पूरी टीम का प्रदर्शन बेहतर होता है.
6. नेतृत्व क्षमता: अच्छी लीडरशिप स्किल के बिना सफलता की सीढ़ियां चढ़ना संभव नहीं है. नेतृत्व क्षमता का मतलब केवल बॉस बनना नहीं है बल्कि जिम्मेदारी उठाना और दूसरों के साथ समन्वय बनाकर काम करना भी है. हर कोई नेतृत्व क्षमता के साथ पैदा नहीं होता लेकिन इसे सीखा जरूर जा सकता है.
7. लिखित संवाद: मौखिक ही नहीं बल्कि लिखित संवाद भी बेहतर होना चाहिए. आप ऑफिस में किस भाषा में और कितना सही मेल लिख रहे हैं, यह काफी मायने रखता है.
8. योजना: एक कर्मचारी में योजना बनाने और जमीन पर उतारने की काबिलियत होनी चाहिए.
9. बदलते माहौल में ढलने की योग्यता: कंपनी में काम करने का माहौल बदलता रहता है, काम का स्वरूप भी बदलता रहता है. नेतृत्व में भी परिवर्तन होता रहता है. ऐसे में आपको पूरे धैर्य के साथ बदलते माहौल में काम करना आना चाहिए.
10. टाइम मैनेजमेंट: ऑफिस में कम समय में अधिक काम करने के लिए टाइम मैनेजमेंट बहुत जरूरी होता है. दिए गए काम को तय समय पर करके देने से ही आपको सफलता मिलेगा.
1. वर्बल कम्युनिकेशन: आज ज्यादातर कंपनियां चाहती हैं उनके कर्मचारी हर जगह कंपनी का प्रतिनिधित्व करने के काबिल हों. संवाद क्षमता हर काम में सफलता के लिए जरूरी है. किसी से सामने अपनी बात सही और स्पष्ट तरीके से रखने वाले लोग ही गंभीरता से लिए जाते हैं. ऐसे में आप लोगों में विश्वास जगा सकेंगे. वर्बल कम्युनिकेशन से ही आप अपने सुझाव बेहतर ढंग से अपने सीनियर के समक्ष रख सकेंगे.
2. टीम वर्क: हर कंपनी चाहती है कर्मचारी एक टीम की तरह काम करें. और टीम के सामूहिक प्रयास से ही लक्ष्य को प्राप्त करें.
3. कमर्शियल जागरूकता: एक कर्मचारी को आजकल उन कमर्शियल वास्तविकताओं से भी अवगत होना चाहिए जो कि कंपनी की तरक्की को नुकसान पहुंचा सकती हैं. आपको कंपनी के प्रतिद्वंदियों के बारे में पता होना चाहिए. बाहर कंपनी को लेकर क्या धारणा बन रही है, इसकी भी जानकारी होनी चाहिए.
4. समस्या हल करने की काबिलियत: एक कर्मचारी में संबंधित डाटा एकत्र करके, उसका विश्लेषण करने और निष्कर्ष तक पहुंचकर इश्यू को हल करने की योग्यता होनी चाहिए.
5. सेल्फ-मोटिवेशन: इंपलॉयी को सेल्फ-मोटिवेटिड होना चाहिए. ऐसे कर्मी अपनी टीम को भी प्रोस्ताहित करने का काम करते हैं. इससे न सिर्फ उनका व्यक्तिगत प्रदर्शन बल्कि पूरी टीम का प्रदर्शन बेहतर होता है.
6. नेतृत्व क्षमता: अच्छी लीडरशिप स्किल के बिना सफलता की सीढ़ियां चढ़ना संभव नहीं है. नेतृत्व क्षमता का मतलब केवल बॉस बनना नहीं है बल्कि जिम्मेदारी उठाना और दूसरों के साथ समन्वय बनाकर काम करना भी है. हर कोई नेतृत्व क्षमता के साथ पैदा नहीं होता लेकिन इसे सीखा जरूर जा सकता है.
7. लिखित संवाद: मौखिक ही नहीं बल्कि लिखित संवाद भी बेहतर होना चाहिए. आप ऑफिस में किस भाषा में और कितना सही मेल लिख रहे हैं, यह काफी मायने रखता है.
8. योजना: एक कर्मचारी में योजना बनाने और जमीन पर उतारने की काबिलियत होनी चाहिए.
9. बदलते माहौल में ढलने की योग्यता: कंपनी में काम करने का माहौल बदलता रहता है, काम का स्वरूप भी बदलता रहता है. नेतृत्व में भी परिवर्तन होता रहता है. ऐसे में आपको पूरे धैर्य के साथ बदलते माहौल में काम करना आना चाहिए.
10. टाइम मैनेजमेंट: ऑफिस में कम समय में अधिक काम करने के लिए टाइम मैनेजमेंट बहुत जरूरी होता है. दिए गए काम को तय समय पर करके देने से ही आपको सफलता मिलेगा.
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