
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की इंटर-स्टेट सेल ने एक बड़े नशा तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है. ये गिरोह उत्तर प्रदेश के बरेली और रामपुर से लेकर दिल्ली-एनसीआर और पंजाब तक फैला हुआ था. पुलिस ने गिरोह के दो बड़े तस्करों को गिरफ्तार किया है और भारी मात्रा में नशे की दवाएं बरामद की हैं.
इस कार्रवाई के तहत पुलिस ने 1.5 किलो अल्प्राजोलम, जिसकी कीमत लगभग 30 लाख रुपये है. 606 ग्राम हेरोइन, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 1.25 करोड़ रुपये, जब्त की है. यह ऑपरेशन 28 जून 2025 को शुरू हुआ, जब पुलिस को सूचना मिली कि एक शातिर तस्कर महेंद्र पाल दिल्ली के ग़ाज़ीपुर इलाके में एक बड़ी खेप देने वाला है. पुलिस टीम ने मौके पर दबिश दी और महेंद्र पाल को गाजीपुर के पास से गिरफ्तार कर लिया.
महेंद्र पाल की पूछताछ में सामने आया कि अल्प्राजोलम का इस्तेमाल हेरोइन की ताकत बढ़ाने में किया जाता है. वह अल्प्राजोलम रामपुर से मंगवाता था और हेरोइन बरेली से. दिल्ली और पंजाब में इन नशे की खेपों की सप्लाई करता था. महेंद्र पाल की निशानदेही पर 11 जुलाई को फरीदपुर, बरेली से दूसरा आरोपी नत्थू खान गिरफ्तार हुआ. उसके पास से 310 ग्राम हेरोइन भी बरामद की गई.
आरोपियों की प्रोफाइल
1. महेंद्र पाल (50 वर्ष)
निवासी: फरीदपुर, बरेली (यूपी)
शिक्षा: 10वीं पास
पहले अल्प्राजोलम सप्लायर था, बाद में खुद की ड्रग डिस्ट्रीब्यूशन चेन बना ली
2. नत्थू खान (60 वर्ष)
निवासी: फरीदपुर, बरेली (यूपी)
पहले NDPS एक्ट समेत तीन मामलों में गिरफ्तार हो चुका है
उसका भाई अफीम की खेती का लाइसेंस रखता था, जिसका गलत इस्तेमाल हेरोइन बनाने में किया गया।
क्या है अल्प्राजोलम
अल्प्राजोलम एक स्लीपिंग पिल/नशे की दवा है, जिसका हेरोइन की पावर बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यह काफी खतरनाक कॉम्बिनेशन है और युवाओं में इसका दुरुपयोग तेजी से बढ़ रहा है. पुलिस अब इन दोनों तस्करों के नेटवर्क में शामिल बाकी सप्लायर्स और फैक्ट्री संचालकों की तलाश में जुटी है. जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं.
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