
Indus Water Treaty Answer To Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को अनिश्चित काल के लिए निलंबित करने का आह्वान किया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि "खून और पानी" एक साथ नहीं बह सकते. लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने मंगलवार के आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली है.
बुधवार को एक्स पर एक पोस्ट में, रूस में भारतीय राजदूत रहे और अब जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सिब्बल ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की यात्रा के दौरान हुए नरसंहार की टाइमिंग की ओर भी इशारा किया. यह कहते हुए कि भारत अमेरिका के साथ अनुकूल स्थिति में है.
It it time to suspend the Indus Waters Treaty indefinitely as a truly meaningful response to the latest terrorist outrage in Pahalgam instigated by Pakistan.
— Kanwal Sibal (@KanwalSibal) April 22, 2025
We have earlier said that blood and water can't go together. Let's act on our own declared position .
This will be a…
सिब्बल ने लिखा, "पहलगाम में पाकिस्तान द्वारा कराए गए हालिया आतंकवादी हमले की प्रतिक्रिया के रूप में सिंधु जल संधि को अनिश्चित काल के लिए निलंबित करने का समय आ गया है. हमने पहले भी कहा है कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते. आइए हम अपनी घोषित स्थिति पर काम करें. यह एक रणनीतिक प्रतिक्रिया होगी." उन्होंने कहा, "हम अमेरिका के साथ इस मामले में अनुकूल स्थिति में हैं, क्योंकि वेंस की यात्रा के दौरान आतंकवादी हमला हुआ है. ट्रंप और वेंस के इस्लामी चरमपंथ और आतंकवाद पर कड़े विचार हैं." बांग्लादेश के साथ तनावपूर्ण संबंधों का जिक्र करते हुए सिब्बल ने कहा कि सिंधु जल संधि को निलंबित करने से देश को भी "अच्छा संदेश" जाएगा. भारत और पाकिस्तान के बीच नौ साल की बातचीत के बाद 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि सीमा पार नदियों के पानी के उपयोग पर दोनों पक्षों के बीच सहयोग और सूचना के आदान-प्रदान के लिए एक तंत्र स्थापित करती है.
पिछले साल भारत ने नोटिस भी दिया था
विश्व बैंक ने भी इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और संधि के तहत जम्मू-कश्मीर में दो जल विद्युत परियोजनाओं पर भारत की स्थिति को संगठन द्वारा जनवरी में नियुक्त एक तटस्थ विशेषज्ञ ने बरकरार रखा था. विदेश मंत्रालय ने कहा था कि "भारत का यह लगातार और सैद्धांतिक रुख रहा है कि केंद्र शासित प्रदेश में किशनगंगा और रातले जल विद्युत संयंत्रों पर इन मतभेदों को तय करने की क्षमता केवल तटस्थ विशेषज्ञ के पास है." पिछले साल अगस्त में भारत ने संधि की समीक्षा के लिए पाकिस्तान को एक नोटिस भी दिया था, जिसमें कहा गया था कि परिस्थितियों में "मौलिक और अप्रत्याशित" बदलावों के कारण पुनर्मूल्यांकन की आवश्यकता है. कुछ रिपोर्टों में कहा गया था कि पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद नोटिस के पीछे के कारणों में से एक था. बैसरन में मंगलवार को हुए हमले में नौसेना के एक अधिकारी और खुफिया ब्यूरो के एक अधिकारी सहित 26 लोग मारे गए थे. आतंकवादियों ने कथित तौर पर क्षेत्र में लोगों की पहचान मांगी, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे.
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