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नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल, गैस और दूसरी कमोडिटीज की कीमतों में उछाल और बढ़ती महंगाई दर के इस दौर में अब एक राहत की खबर आई है.इंडोनेशिया सरकार ने पॉम ऑयल के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को अगले सोमवार यानी 23 मई से हटाने का ऐलान कर दिया है. भारत अपनी जरूरत का करीब 60% पाम ऑयल इंडोनेशिया से आयात करता है. अब भारत सरकार और खाने-पीने के तेल व्यापारियों को उम्मीद है की इससे भारत में बाजार में कीमतें नियंत्रित करना आसान होगा. इंडोनेशिया सरकार द्वारा पॉम ऑयल के निर्यात पर 23 मई से प्रतिबंध हटाने के फैसले से दिल्ली के सबसे बड़े नया बाजार अनाज मंडी में अधिकतर तेल व्यापारी राहत महसूस कर रहे हैं. माना जा रहा है कि इससे खाद्य तेल और उससे बनने वाले खाने-पीने का सामान भी सस्ता होगा.
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पिछले करीब पांच दशक से खाने-पीने के तेल का थोक व्यापार कर रहे रविंद्र गुलाटी कहते हैं 28 अप्रैल 2022 को इंडोनेशिया सरकार द्वारा पॉम ऑयल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से तेल बाजार में उथल-पुथल बढ़ गई थी. वनस्पति और पॉमोलिन की कीमत अप्रैल के आखिरी हफ्ते में 10 से 15 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गयी थी. अब तेल व्यवारियों का मानना इंडोनेशिया सरकार के फैसले का असर भारत में खाने पीने के तेल की कीमतों पर करीब तीन हफ्ते में दिखना शुरू होगा. हालाँकि स्थिरता बाजार में दिखना शुरू हो गया है.
खाने का तेल हुआ महंगा, आगे और बढ़ सकते हैं दाम; पाम ऑयल के निर्यात पर इंडोनेशिया के बैन से बढ़ी चिंता
जब उनसे सवाल किया गया कि आप कह रहे हैं की इंडोनेशिया सरकार द्वारा प्रतिबन्ध हटाने का असर भारत के बाजार में कीमतों पर 20 दिन बाद दिखेगा?इस पर गुलाटी ने कहा, क्योंकि आज भी अगर माल इंडोनेशिया से चलेगा तो 20 दिन से पहले पहुंच नहीं पाएगा. इसकी प्रोसेसिंग भी करनी होगी. इंडोनेशिया के प्रतिबन्ध का वनस्पति और पॉमोलिन की कीमत पर कितना असर पड़ा? इस पर गुलाटी ने कहा, 10 से 15 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई थी अब कीमतें फिर मंदी होनी शुरू हो गई हैं. खाने-पीने के तेल के थोक बाजार में पिछले करीब 20 दिनों से उथल-पुथल जारी थी और कई अहम शहरों में अप्रैल के आखिरी हफ्ते में पैक्ड वनस्पति की खुदरा कीमतों में 13 से 16 रुपये तक की बढ़ोतरी दर्ज़ हुई थी.
उनसे पूछा गया कि क्या आपके जैसे कुछ व्यापारी हैं उनको नुकसान भी होगा प्रतिबन्ध हटने से? तो नया बाजार तेल व्यापारी श्याम सुन्दर ने कहा, जिसके पास पुराना स्टॉक है, उन्हें नुकसान होगा, क्योंकि तेल अब सस्ता होगा. कुछ अफवाह से भी रेट मंदा हो जाता है. जिन्होंने स्टॉक करके रख है उन्हें लॉस होगा. एक अनुमान के मुताबिक इस साल भारत 20 बिलियन डॉलर यानी करीब 1,54,000 करोड़ खाने पीने के तेल के आयत पर खर्च करेगा जो दो साल पहले के मुकाबले दोगुना है.
जाहिर है कि बढ़ती महंगाई को नियंत्रण करने की जद्दोजहद में जुटी भारत सरकार के लिए इंडोनेशिया सरकार का प्रतिबन्ध हटाने का फैसला भारत सरकार के लिए एक राहत की खबर है, सरकार को उम्मीद हैं की इस फैसले से भारत में खानेपीने के तेल बाज़ार मैं उथल -पुथल कम होगी और ज़रुरत की चीजें नियंत्रित करना आसान हो जाएगा.