गुवाहाटी:
ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) ने कहा कि बीटीएडी और धुबरी की हालिया झड़पों जैसी हिंसक घटनाएं भारत-बांग्लादेश सीमा को पर्याप्त रूप से सील किए जाने तक जारी रहेंगी।
वहीं, भाजपा सहित अन्य दलों ने हिंसा की इन घटनाओं के लिए कांग्रेस को आड़े हाथ लिया।
आसू अध्यक्ष शंकर प्रसाद राय और महासचिव तपन कुमार गोगोई ने बताया, ‘असम समझौता पर हस्ताक्षर करने के 27 साल बाद भी केंद्र सीमा को सील करने के अपने वादे को पूरा करने में नाकाम रही है और जब तक सीमा खुली रहेगी, तब तक हिंसा और झड़पें जारी रहेंगी।’ उन्होंने कहा, ‘हालिया हिंसा बोडो-मुस्लिम संघर्ष नहीं है, बल्कि यह मूल बाशिंदों और विदेशियों के बीच संघर्ष है और सरकार को इसका निपटारा अवश्य करना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘हम भारत की सरजमीं पर विदेशियों को पुनर्वासित नहीं होने दे सकते।’ यह छात्र संगठन 14 अगस्त को राज्यभर में एक विरोध रैली का आयोजन करेगा।
इस बीच, विपक्षी असम गण परिषद ने निचले असम के कुछ हिस्सों में बोडो-अल्पसंख्यक हिंसा को रोकने में नाकामी को लेकर कांग्रेस की आलोचना की।
वहीं, भाजपा सहित अन्य दलों ने हिंसा की इन घटनाओं के लिए कांग्रेस को आड़े हाथ लिया।
आसू अध्यक्ष शंकर प्रसाद राय और महासचिव तपन कुमार गोगोई ने बताया, ‘असम समझौता पर हस्ताक्षर करने के 27 साल बाद भी केंद्र सीमा को सील करने के अपने वादे को पूरा करने में नाकाम रही है और जब तक सीमा खुली रहेगी, तब तक हिंसा और झड़पें जारी रहेंगी।’ उन्होंने कहा, ‘हालिया हिंसा बोडो-मुस्लिम संघर्ष नहीं है, बल्कि यह मूल बाशिंदों और विदेशियों के बीच संघर्ष है और सरकार को इसका निपटारा अवश्य करना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘हम भारत की सरजमीं पर विदेशियों को पुनर्वासित नहीं होने दे सकते।’ यह छात्र संगठन 14 अगस्त को राज्यभर में एक विरोध रैली का आयोजन करेगा।
इस बीच, विपक्षी असम गण परिषद ने निचले असम के कुछ हिस्सों में बोडो-अल्पसंख्यक हिंसा को रोकने में नाकामी को लेकर कांग्रेस की आलोचना की।
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