विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता वैश्विक दक्षिण के वास्तविक मुद्दों पर समूह का ध्यान वापस लाने में सफल रही है. जयशंकर ने वाराणसी में जी 20 विकास मंत्रियों की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 'सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर त्वरित प्रगति पर जी20 कार्य योजना' और 'सतत विकास के लिए जीवन शैली पर जी20 उच्चस्तरीय सिद्धांत' को बैठक में सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई.
उन्होंने कहा, 'फिलहाल हमारा ध्यान इस बात पर है कि आप विकासशील देशों, छोटे द्वीप विकासशील देशों, सबसे कम विकसित देशों, जो वास्तव में रसातल के किनारे पर हैं, की दबाव की जरूरतों को कैसे पूरा करते हैं.'
विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसे देश हैं, जो भोजन का खर्च नहीं उठा सकते, उनके पास ईंधन की कमी है और भारत के पड़ोसी उनमें से हैं, जिन्हें पिछले वर्ष बहुत नुकसान उठाना पड़ा है. उन्होंने कहा कि सोमवार को हुई बैठक में जी20 को सतत विकास वृद्धि और वैश्विक दक्षिण के साथ क्या हो रहा है, उनके लिए वित्तपोषण के बारे में सोचने, जलवायु वित्तपोषण के बारे में सोचने, विकास और वित्तपोषण के बीच की कड़ी को देखने, महिलाओं के मुद्दों को देखने का अवसर मिला.
जयशंकर ने कहा, “ये दुनिया के असली मुद्दे हैं. इस लिहाज से हां, मुझे लगता है कि हमें इन मुद्दों पर सुर्खियां मिलीं.''
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