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This Article is From Jan 01, 2024

साल 2023 में भारत की टेक्नालॉजी के क्षेत्र में बड़ी जीत, अब 2024 से उम्‍मीदें

दुनिया भर में बढ़ती सेमीकंडक्टर की मांग के मौजूदा दौर में भारत ने खुद को अगले उभरते हुए सेमीकंडक्टर हब के रूप में स्थापित कर लिया है. साल 2023 में आईएसएम ने भारत को एक दमदार चिप-मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित किया.

साल 2023 में भारत की टेक्नालॉजी के क्षेत्र में बड़ी जीत, अब 2024 से उम्‍मीदें
भारत, दुनियाभर में तकनीकी प्रगति में एक अहम योगदानकर्ता...
नई दिल्‍ली:

भारत ने खुद को टेक्नालॉजी फॉलोअर से टेक्नालॉजी में अग्रणी ताकत के रूप में बदल लिया है. देश के तकनीकी परिदृश्य में  "आत्मनिर्भर भारत" एक प्रकाश स्तंभ के रूप में खड़ा है. तेज गति से 5जी रोलआउट, इंडियन सेमीकंडक्टर मिशन और आने वाले एआई मिशन के साथ भारत का तकनीकी कौशल न केवल घरेलू जरूरतें पूरी कर रहा है, बल्कि देश को दुनिया भर में तकनीकी प्रगति में एक अहम योगदानकर्ता के रूप में स्थापित कर रहा है.

इंडियन सेमीकंडक्टर मिशन (ISM)

दुनिया भर में बढ़ती सेमीकंडक्टर की मांग के मौजूदा दौर में भारत ने खुद को अगले उभरते हुए सेमीकंडक्टर हब के रूप में स्थापित कर लिया है. इस बदलाव की कमान इंडियन सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) संभाल रहा है. साल 2023 में आईएसएम ने भारत को एक दमदार चिप-मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित किया. इसके सबसे बड़े आकर्षण के रूप में गुजरात के साणंद में माइक्रोन के 2.75 बिलियन डॉलर के सेमीकंडक्टर प्लांट का निर्माण शुरू होना है.
आईएसएम का लक्ष्य एक वाइब्रेंट सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम का निर्माण करना है, ताकि भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और डिजाइन के लिए एक ग्लोबल हब के रूप में उभरने के योग्य बनाया जा सके. गुजरात के साणंद में साल 2023 में माइक्रोन का 2.75 बिलियन डॉलर का सेमीकंडक्टर प्लांट शुरू हुआ.

महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी के लिए पहल (iCET)

प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका की यात्रा के दौरान एक महत्वपूर्ण क्षण में iCET ने आकार लिया. यह न्यू टेक (New Tech) में भारत-अमेरिका सहयोग को व्यापक बनाने की दिशा में एक अभूतपूर्व समझौता है. भारत-अमेरिका अब दुनिया की समस्याओं को सुलझाने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं. दोनों देशों के बीच स्पेस, सेमी-कंडक्टर, डिफेंस सहित अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग मजबूत हो रहा है.

समझौते के बाद कुछ प्रमुख उपलब्धियां

  • क्वांटम कोआर्डिनेशन मैकेनिज्म
  • टेलिकम्युनिकेशन पर पब्लिक-प्राइवेट डायलॉग
  • एआई और स्पेस पर महत्वपूर्ण आदान-प्रदान
  • सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन स्थापित करने पर एमओयू
  • जून 2023 में भारत-अमेरिका डिफेंस एक्सलेरेशन इकोसिस्टम (INDUS-X) लॉन्च किया गया

आर्टेमिस समझौता : सितारों की सैर के लिए भारत का टिकट

आर्टेमिस समझौते में भारत की भागीदारी से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष सहयोग में प्रवेश के साथ देश की एक महत्वपूर्ण छलांग है. पीएम नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक अमेरिकी यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका के बीच स्पेस रिसर्च में सहयोग के लिए समझौते पर हस्ताक्षर से भारत को ग्लोबल स्पेस सेक्टर में बड़ी हिस्सेदारी मिलेगी. इसके साथ ही भारत शांतिपूर्ण, टिकाऊ और पारदर्शी सहयोग के लिए प्रतिबद्ध उन 26 अन्य देशों के साथ शामिल हो गया, जो चंद्रमा, मंगल और उससे आगे की खोज संभव बनाएंगे.

इससे भारत की अंतरिक्ष यात्रा को कई फायदे मिलेंगे जिनमें शामिल हैं...

  • एडवांस्ड एयरक्राफ्ट और एक्सप्लोरेशन टेक्नालॉजी तक पहुंच
  • भारत की ग्लोबल कॉम्पटेटिवनेस में इम्प्रूवमेंट
  • भारतीय प्रतिभाओं को सितारों तक पहुंचने के अवसर

आकाश मिसाइल हथियार प्रणाली

आत्मनिर्भर रक्षा भारत का एक बड़ा लक्ष्य रहा है और पिछले कुछ सालों में देश ने इस दिशा में बड़े कदम उठाए हैं. दरअसल, देश ने उम्मीदों से बढ़कर काम किया है और अब उसकी नजर रक्षा निर्यात पर है. आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम इसका प्रमुख उदाहरण है.
यह सिंगल फायरिंग यूनिट का उपयोग करके कमांड गाइडेंस द्वारा दूरी तक एक साथ चार लक्ष्यों को भेदने की क्षमता प्रदर्शित करने वाला पहला सिस्टम बन गया है. आकाश की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह हर जगह काम कर सकता है. इन फायदों के कारण कई देशों ने इस मेड इन इंडिया वैपन प्रणाली में रुचि दिखाई है.

आईएनएस विक्रांत

स्वदेशी डिजाइन और देश में ही निर्मित पहले विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत की कमीशनिंग देश का आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. 45,000 टन का विक्रांत भारत में डिजाइन किया गया और यहां बनाया जाने वाला सबसे बड़ा नौसैनिक जहाज है. इस उपलब्धि के साथ देश उन देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है जिन्होंने ऐसी क्षमता हासिल की है.

5G रोलआउट

भारत ने टेलिकम्युनिकेशन के क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है. देश ने दुनिया में सबसे तेज़ 5G रोलआउट के साथ एक नया मानदंड स्थापित किया है. केवल नौ महीनों की अवधि में देश में आश्चर्यजनक रूप से 2.70 लाख 5G साइटें सफलतापूर्वक शुरू की गईं. देश की नजरें अब 6जी के महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर हैं.

एआई मिशन

भारत अब एक एआई मिशन लॉन्च करेगा जो देश में स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स को कंप्यूटिंग पॉवर देने के लिए काम करेगा ताकि वे स्वास्थ्य सेवा, कृषि और शिक्षा जैसे क्षेत्रों की समस्याओं से निपट सकें.

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