हिंदू धर्म में कैलाश मानसरोवर की यात्रा का महत्व विशेष है, माना गया है भगवान शंकर के पवित्र स्थल कैलाश पर्वत के दर्शन मात्र से ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. कैलाश मानसरोवर की यात्रा पहले पड़ोसी देश चाइना और नेपाल से होती थी, कोविड के बाद से कैलाश मानसरोवर यात्रा थम गई थी, अब कैलाश पर्वत के दर्शन देवभूमि उत्तराखंड से ही हो सकेंगे.
इस धार्मिक यात्रा को लेकर उत्तराखंड पर्यटन सचिव द्वारा संयुक्त टीम बनाई गई. जिसमें कुमाऊं मंडल विकास निगम के प्रबंध निदेशक, पर्यटन के अधिकारी और राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया है. एसडीएम धारचूला दिवेश शाशनी ने बताया कि सचिव पर्यटन के निर्देश पर संयुक्त टीम ने लिपुलेख, ओम पर्वत और आदि कैलाश तक का निरीक्षण कर लिया है और जल्द ही संयुक्त रिपोर्ट तैयार कर पर्यटन विभाग को भेज दी जाएगी.
इसी के साथ उन्होंने बताया कि धारचूला के पुरानी लिपुलेख की चोटी से ही कैलाश पर्वत के दर्शन कराए जा सकेंगे. जिससे उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के सीमांत तहसील धारचूला का पर्यटन विकसित होगा. इसलिए संयुक्त टीम के द्वारा रुट पर रहने खाने और अन्य जरूरत की तमाम व्यवस्था बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
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