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This Article is From Feb 15, 2024

भारतीय दूतावास के कर्मी ने ‘हनीट्रैप’ में फंसने के बाद साझा की थी गोपनीय सैन्य जानकारी : यूपी एटीएस

विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उसे सिवाल की गिरफ्तारी की जानकारी है और मामले में जांच अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है. पुलिस ने बताया कि इस बीच, सिवाल के परिवार के सदस्य हापुड स्थित पैतृक गांव के घर को छोड़कर किसी अन्य स्थान पर चले गए हैं.

भारतीय दूतावास के कर्मी ने ‘हनीट्रैप’ में फंसने के बाद साझा की थी गोपनीय सैन्य जानकारी : यूपी एटीएस
मॉस्को दूतावास में कार्यरत था सत्योंद्र सिवाल

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में हाल में उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास के कर्मी को एक महिला ने सोशल मीडिया के माध्यम से दोस्ती कर ‘हनीट्रैप' में फंसाया था. उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधी दस्ते (यूपीएटीएस) ने यह जानकारी दी. मेरठ में एटीएस निरीक्षक राजीव त्यागी ने बताया कि हापुड जिले के शाहमहिउद्दीनपुर गांव निवासी सतेंद्र सिवाल ने युद्धक विमानों और पनडुब्बियों सहित भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना की हथियार प्रणालियों से संबंधित गुप्त जानकारी साझा की थी. सिवाल 10 दिनों के लिए एटीएस की हिरासत में है और यह मियाद 16 फरवरी को समाप्त होगी.

कैसे महिला के संपर्क में आया?

त्यागी ने बताया, ‘‘सिवाल पिछले साल उस महिला के संपर्क में आया था, जिसने पूजा मेहरा के नाम से एक ऑनलाइन प्रोफाइल बनाई थी. उसने उसे हनीट्रैप में फंसाया और पैसे के बदले गुप्त दस्तावेज साझा करने का प्रलोभन दिया.''

ATS का दावा

एटीएस निरीक्षक ने बताया कि, ‘‘सिवाल ने दावा किया है कि उसने महिला के साथ जो दस्तावेज साझा किए थे, वे अभी भी उसके फोन में हैं. उसके फोन और उसके द्वारा इस्तेमाल किए गए अन्य गैजेट्स की फोरेंसिक जांच की जा रही है.''

सोशल मीडिया का सहारा

एटीएस ने इलेक्ट्रॉनिक और भौतिक निगरानी के माध्यम से अपनी जांच में पाया कि वह आईएसआई आकाओं के नेटवर्क के साथ भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल था. एटीएस अधिकारियों ने यह भी बताया कि महिला का सोशल मीडिया अकाउंट पाकिस्तान खुफिया एजेंसी द्वारा संचालित किया जा रहा था.

मॉस्को दूतावास में कार्यरत था सिवाल

एटीएस की मेरठ शाखा ने मॉस्को में भारतीय दूतावास में 2021 से आईबीएसए (भारत स्थित सुरक्षा सहायक) के रूप में कार्यरत सिवाल को चार फरवरी को लखनऊ से गिरफ्तार किया था. सिवाल को भारतीय दंड संहिता की धारा 121ए (देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना) और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 के तहत एटीएस पुलिस थाना, लखनऊ में उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद गिरफ्तार किया गया था. त्यागी के मुताबिक पूछताछ के दौरान, सिवाल संतोषजनक जवाब नहीं दे सका और अपना अपराध ‘कबूल' कर लिया.

एटीएस ने पहले कहा था कि सिवाल पैसे के लिए रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों की रणनीतिक गतिविधियों के बारे में महत्वपूर्ण गोपनीय जानकारी प्रदान कर रहा था.विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उसे सिवाल की गिरफ्तारी की जानकारी है और मामले में जांच अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है. पुलिस ने बताया कि इस बीच, सिवाल के परिवार के सदस्य हापुड स्थित पैतृक गांव के घर को छोड़कर किसी अन्य स्थान पर चले गए हैं.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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