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भारतीय अर्थव्यवस्था बूम पर, 2026 में वृद्धि दर पकड़ेगी तेज रफ्तार

ADB और RBI ने भारत के विकास अनुमान को बढ़ाया तो दूसरी तरफ देश के सबसे बड़े बैंक SBI का हाउसिंग लोन ₹9 लाख करोड़ के पार पहुंच गया. मजबूत खपत, निवेश और स्थिर महंगाई अगले साल तेज विकास के संकेत दे रहे हैं.

भारतीय अर्थव्यवस्था बूम पर, 2026 में वृद्धि दर पकड़ेगी तेज रफ्तार
  • ADB ने भारत की FY26 ग्रोथ का अनु,मान बढ़ाकर 7.2% किया, घरेलू खपत और मजबूत तिमाही से अर्थव्यवस्था को तेजी मिली.
  • RBI ने GDP अनुमान बढ़ाकर 7.3% किया, त्योहार मांग, GST कटौती और निवेश बढ़ने से आर्थिक गति बनी हुई.
  • SBI का हाउसिंग लोन 9 लाख करोड़ के पार, बैंक ने FY26 के लिए कुल ऋण वृद्धि लक्ष्य 14% तक बढ़ाया.
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नई दिल्ली:

भारत की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत संकेत दे रही है. नई रिपोर्टों और ताजा वित्तीय अनुमानों ने यह साफ कर दिया है कि वित्त वर्ष 2025-26 भारत के लिए तेज रफ्तार वाली अर्थव्यवस्था का साल बनने जा रहा है. एशियाई विकास बैंक (ADB), भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की अलग-अलग रिपोर्टों ने मिलकर यह तस्वीर और भी स्पष्ट कर दी है.

ADB ने भारत की ग्रोथ अनुमान को बढ़ाकर 7.2% किया

एशियाई विकास बैंक (ADB) ने अपनी नई एशिया डेवलपमेंट आउटलुक रिपोर्ट में भारत की वृद्धि दर का अनुमान 6.5% से बढ़ाकर 7.2% कर दिया है. ADB का कहना है कि जीएसटी दरों में कटौती की वजह से घरेलू खपत में तेजी आई है, जिसने अर्थव्यवस्था को और मजबूत किया है.
सितंबर में खत्म दूसरी तिमाही में भारत की GDP वृद्धि 8.2% रही, जो पिछली छह तिमाहियों में सबसे अधिक है. विनिर्माण, सेवाओं और मजबूत खपत की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था अब पूरे एशिया की ग्रोथ को भी आगे बढ़ा रही है, जहां समग्र वृद्धि 5.1% तक पहुंचने का अनुमान है.

RBI ने भी ग्रोथ अनुमान बढ़ाकर 7.3% किया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति समीक्षा में चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए GDP अनुमान को 6.8% से बढ़ाकर 7.3% कर दिया.
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा के अनुसार त्योहारों की मजबूत मांग, GST दरों की कटौती, कच्चे तेल के भाव में नरमी, सरकार का बढ़ा पूंजीगत व्यय और बेहतर कृषि उत्पादन ने अर्थव्यवस्था को नई शक्ति दी है.
पहली छमाही में भारत का GDP 8% की तेज रफ्तार से बढ़ा है. शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में खपत मजबूत बनी हुई है. निवेश गतिविधियों में फिर से तेजी का आना और कॉरपोरेट सेक्टर में ऋण मांग बढ़ने से विकास और भी तेज हो सकता है.
हालांकि इस बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यह भी चेताया है कि वैश्विक अनिश्चितताओं और गिरते निर्यात पर नजर रखना जरूरी है. हालांकि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 686.2 अरब डॉलर पर पहुंच चुका है, जो स्थिरता का एक बड़ा संकेत है.

SBI में हाउसिंग लोन 9 लाख करोड़ पार, ऋण वृद्धि 14% होने की उम्मीद

भारत के सबसे बड़े बैंक SBI ने बताया है कि उसका हाउसिंग लोन पोर्टफोलियो अब 9 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. चेयरमैन सीएस शेट्टी ने कहा कि खुदरा, MSME और कृषि क्षेत्रों में लगातार तेजी के चलते बैंक ने अपनी कुल ऋण वृद्धि का अनुमान 12% से बढ़ाकर 14% कर दिया है.

उन्होंने कहा कि MSME सेगमेंट में 17–18% और कृषि तथा खुदरा में करीब 14 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है. साथ ही गोल्ड लोन और पर्सनल लोन में तेजी और कॉर्पोरेट लोन में भी दूसरी तिमाही में गति देखी गई जिसने 7.1 फीसद की वृद्धि दर्ज की. 

यह भी अनुमान है कि RBI की अपेक्षित 25 बेसिस पॉइंट की रेट कट अर्थव्यवस्था और लोन ग्रोथ दोनों को और तेज करेगी.

2026 में भारत के लिए क्या संकेत हैं?

तीनों बड़ी एजेंसियों—ADB, RBI और SBI—की रिपोर्टों का कॉमन संदेश साफ है: भारत 2026 तक दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा. मजबूत घरेलू मांग, निवेश, स्वस्थ बैंकिंग सेक्टर और स्थिर महंगाई मिलकर ग्रोथ की मजबूत नींव बना रहे हैं.

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