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स्वदेशी एआई तकनीक से सशक्त हुई भारतीय सेना, ऑपरेशन सिंदूर में नए एप ने निभाई अहम भूमिका

इस एप को देश की सभी खुफिया एजेंसियों द्वारा उपयोग में लाया जा रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसे रिकॉर्ड समय में बदलाव किए गए जिससे दुश्मन के सेंसरों की सटीक पहचान संभव हुई. लंबी दूरी की क्षमताओं वाले हथियारों के लिए इसने मौसम संबंधी पूर्वानुमान मेट्रोलॉजिकल रिपोर्टिंग सिस्टम की मदद से उपलब्ध कराए, जिससे सटीक निशाना साधना संभव हो सका.

स्वदेशी एआई तकनीक से सशक्त हुई भारतीय सेना, ऑपरेशन सिंदूर में नए एप ने निभाई अहम भूमिका
नई दिल्ली:

सेना ने हाल ही में एक अत्याधुनिक स्वदेशी एआई आधारित एप्लिकेशन बनाया है, जिसने ऑपेरशन सिंदूर के दौरान सीमापार दुश्मन की योजना और तैनाती से जुड़ी जानकारी समय रहते सेना को देकर उसके मंसूबों को नाकाम कर दिया.

क्या है सेना का नया एप?

इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस कोलेशन सिस्टम नाम के इस एप ने ऑपरेशन सिंदूर में 90.4 प्रतिशत की सटीकता के साथ सीमा पर दुश्मन की हर गतिविधि और कदमों की जानकारी दी. पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर विकसित इस एप्लीकेशन में सीमापार दुश्मन के तौर तरीकों से जुड़ी जानकारी फीड की गई. यहां तक कि दुश्मन की सेना के मूवमेंट और तैनाती के पैटर्न का 26 साल का डेटा भी इस एप के साथ जोड़ा गया. इस एप ने दुश्मन के सेंसरों की सटीक पहचान में अहम भूमिका निभाई. जिसके कारण पाकिस्तान के हमले विफल करने में बड़ी मदद मिली. इस एप ने सेना की इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस क्षमताओं को नया आयाम दिया है. 

स्वदेशी एप की विशेषताएं

इस एप को देश की सभी खुफिया एजेंसियों द्वारा उपयोग में लाया जा रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसे रिकॉर्ड समय में बदलाव किए गए जिससे दुश्मन के सेंसरों की सटीक पहचान संभव हुई. लंबी दूरी की क्षमताओं वाले हथियारों के लिए इसने मौसम संबंधी पूर्वानुमान मेट्रोलॉजिकल रिपोर्टिंग सिस्टम की मदद से उपलब्ध कराए, जिससे सटीक निशाना साधना संभव हो सका.

इस एप ने प्रीडिक्टिव थ्रेट मॉडलिंग की मदद प्रभावी काम कर रीयल टाइम मल्टी-सेंसर और मल्टी-सोर्स डेटा फ्यूजन को संभव बनाया. इससे निर्णय प्रक्रिया में गति और परिणामों में सटीकता आ सकी. सेना का यह नया एप न केवल तकनीकी दृष्टि से एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मील का पत्थर भी है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा और स्वदेशी नवाचारों की मदद से भारतीय सेना भविष्य के युद्धों के लिए पूरी तरह तैयार हो रही है.

इसके अलावा प्रोजेक्ट संजय के साथ एकीकृत त्रिनेत्र प्रणाली के माध्यम से सामरिक और रणनीतिक स्तर पर एक साझा ऑपरेशनल और इंटेलिजेंस पिक्चर तैयार की गई, जिससे संसाधनों का बेहतर समन्वय, तेज निर्णय और कमांडरों को स्थिति की सही जानकारी मिल पाई.

एआई में आत्मनिर्भरता

सेना स्वदेशी Large Language Model और Small Language Models विकसित करने पर भी काम कर रही है. सेना ने पिछले दो सालों में 70 से अधिक डिजिटल एप्लिकेशन विकसित किए हैं.

राष्ट्रीय अभियानों के साथ समन्वय

सेना की यह पहल डिजिटल इंडिया मिशन, नेशनल क्वांटम मिशन, और इंडिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन जैसे अभियानों के साथ समन्वय में है जिससे Whole-of-Nation Approach को मजबूती मिलती है.

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