
3 जून 1973 वह दिन था जिस दिन बॉलीवुड के दो सुपरस्टार्स अमिताभ बच्चन और जया बच्चन ने शादी बंधन में बंधे. यह उन शादियों में से एक थीं, जिसकी चर्चा तो बहुत थी. लेकिन इस शादी में शामिल होने वालों की गिनती उतनी ही कम. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अमिताभ बच्चन और जया बच्चन की शादी में बॉलीवुड की दुनिया से केवल दो लोग शामिल हुए थे, जिसमें एक तो थे दिग्गज गुलजार साहब और दूसरी थीं एक्ट्रेस फरीदा जलाल. इसका जिक्र खुद फरीदा जलाल ने हाल ही में इंटरव्यू में किया. वहीं उन्होंने जया बच्चन के साथ अपनी दोस्ती के बारे में भी बताया.
एक्ट्रेस ने ताज होटल में कॉफी आउटिंग से लेकर लॉन्ग ड्राइव पर तीनों के खुशी के पलों को याद करते हुए कहा, मैं पाली हिल में रहती थी और अमित जी जुहू में. उनकी शादी होने वाली थी हुई नही थी. दोनों में कोर्टशिप चल रहा था और झगड़ेजैसे कपल के होते है आपस में वैसे होते थे.

आगे उन्होंने कहा, अमित जी रात के वक्त खुद गाड़ी चलाते थे और जया बदल में बैठती और मैं पीछे. मैं उनको बोलती मुझे कबाब में हड्डी बनाके क्यों ले लेते हो आपलोग.

फरीदा जलाल ने बताया, मैं जल्दी सोने वाले लोगों में से हूं. लेकिन वो फिर भी मुझे फोन करते थे और झगड़ा करते रहते थे और मैंने यह देखा है. जया रोती थी, वो मनाते थे. मुझे वो पल बेहद पसंद आते थे.

सुपरस्टार कपल के बारे में एक्ट्रेस ने कहा, मेरी और जया की दोस्ती बहुत पुरानी है. मैं उन्हें प्यार से जिया बुलाती था. कॉफी डेट से लौटते समय वे फिल्मों के बारे में बात करते थे. फिर वे मुझे छोड़कर घर चले जाते थे. मैं बस इतना ही कह सकती हूं कि वे बहुत प्यारे हैं. उन्होंने मुझे और गुलजार साहब को अपनी शादी में बुलाया. इंडस्ट्री से कोई और वहां नहीं था.

जो लोग नहीं जानते उन्हें बता दें कि मशहूर एक्ट्रेस फरीदा जलाल ने पर्दे पर हीरो की बहन, मां और दादी जैसे कई किरदार निभाए हैं,

फरीदा ने 17 साल की उम्र में फिल्म 'तकदीर' से अपना सफर शुरू किया. सूरज बड़जात्या के दादा ताराचंद बड़जात्या ने उन्हें रोल ऑफर किया था.

वह यूनाइटेड फिल्म प्रोड्यूसर्स टैलेंट हंट का हिस्सा थीं, जिसे उन्होंने जीता, जहां उनके को-फाइनलिस्ट हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना थे. जब काका और फरीदा को विजेता का ताज पहनाया जा रहा था, तब ताराचंद दर्शकों के बीच बैठे थे.

यही वह समय था जब ताराचंद ने उन्हें अपनी फिल्म में गीता की भूमिका की पेशकश की. फरीदा ने सिनेमा में कई किरदार निभाए हैं, लेकिन उनके टाइपकास्ट होने का पहला फेज तब शुरू हुआ जब उन्हें 'गोपी' में दिलीप कुमार की बहन की भूमिका की पेशकश की गई.

1990 के दशक में एक्ट्रेस ने मां के किरदार निभाने शुरू कर दिए. हिंदी सिनेमा की ऐतिहासिक फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'कुछ कुछ होता है', 'बिच्छू' जैसी फिल्मों में उनके रोल्स को याद किया जाता है.


वह 'देख भाई देख' और ड्रामा शो 'बालिका वधू' का हिस्सा रही हैं. हाल ही में उन्हें संजय लीला भंसाली की ओटीटी डेब्यू 'हीरामंडी: द डायमंड बाजार' में कुदसिया बेगम की भूमिका निभाते हुए देखा गया है.
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