जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकेरनाग के घने जंगलों में सुरक्षाबलों के साथ आतंकियों की मुठभेड़ जारी है. इस मुठभेड़ में गुरुवार को 2 और जवान घायल हो गए हैं. मंगलवार देर रात सेना और पुलिस ने आतंकियों की तलाश के लिए ज्वॉइंट सर्च ऑपरेशन चलाया. यह भीषण मुठभेड़ बुधवार तड़के शुरू हुई थी. अनंतनाग में बुधवार को एक कर्नल, एक मेजर और जम्मू-कश्मीर के डीएसपी शहीद हो गए थे. वहीं, सेना ने 2 आतंकियों को मार गिराया था.
चिनार कोर के जनरल-ऑफिसर-कमांडिंग (जीओसी), लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और विक्टर फोर्स के जीओसी, मेजर जनरल बलबीर सिंह ऑपरेशन की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को बख्शा नहीं जाएगा.
इस एंटी टेरर ऑपरेशन को सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस को अंजाम दे रहे हैं. इस ऑपरेशन में आतंकवादियों को काबू करने के लिए नये जनरेशन के हथियार और तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है. 40 घंटे से ज्यादा समय से चल रहे इस ऑपरेशन में हमला करने में सक्षम हेरॉन ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है.
12-13 सितंबर की रात सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने साझा सर्च ऑपरेशन शुरू किया. अधिकारियों ने बताया कि अनंतनाग के गरोल गांव इलाके में दो से तीन आतंकवादियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया गया है. सर्च ऑपरेशन के दौरान बलों को पता चला कि आतंकवादी घने वन क्षेत्र में गांव के ऊंचे इलाकों में छिपे हुए थे.
कर्नल मनप्रीत सिंह ने सर्च ऑपरेशन का नेतृत्व किया. उनके साथ 19 आरआर की कोकेरनाग कंपनी के कमांडर मेजर आशीष ढोंचक थे. वे जंगलों और ऊबड़-खाबड़ इलाकों से होते हुए आगे बढ़े.
कल दोपहर के आसपास, छुपे हुए आतंकवादियों ने उनपर भारी गोलीबारी की. सर्च ऑपरेशन चलाने वाले दस्ते ने जवाबी कार्रवाई की लेकिन भीषण गोलीबारी में कर्नल सिंह, मेजर ढोंचक और डीएसपी हुमायूं भट को गोली लग गई और बाद में चोटों के कारण उनकी मृत्यु हो गई.
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर में आज शहीदों को श्रद्धांजलि दी. सभी शहीदों के शव विशेष विमान से उनके पैतृक घर पहुंचाए जाएंगे.
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