प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों में यूनिकॉर्न बनाने पर जोर देते हुए शुक्रवार को कहा कि भारत पिछले नौ वर्षों में ‘महिला विकास' से ‘महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास' की ओर बढ़ा है. ‘महिला सशक्तिकरण' पर बजट पश्चात एक वेबिनार को संबोधित करते हुए मोदी ने इस बात को रेखांकित किया कि आज भारत में इंजीनियरिंग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महिलाओं के दाखिले का आंकड़ा 42 प्रतिशत है, जो अमेरिका जैसे विकसित देशों से कहीं अधिक है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “क्या हम स्वयं सहायता समूहों में भी यूनिकॉर्न बना सकते हैं? हमने इस साल के बजट में यह दृष्टिकोण भी पेश किया है.” यूनिकॉर्न ऐसी कंपनियां होती हैं, जो शेयर बाजार में सूचीबद्ध हुए बिना एक अरब अमेरिकी डॉलर के मूल्य तक पहुंच जाती हैं.
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि मुद्रा ऋण योजना के तहत लगभग 70 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं. उन्होंने कहा, “ये महिलाएं न केवल अपने परिवारों की आय बढ़ा रही हैं, बल्कि देश के लिए नए आर्थिक दरवाजे भी खोल रही हैं.” मोदी ने महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना को उनकी समानता से भी जोड़ा.
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