जम्मू: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान आज 2019 के पुलवामा आतंकी हमले पर सवाल उठाया, जिसमें 40 से अधिक सुरक्षाकर्मी मारे गए. दिग्विजय सिंह ने कहा कि केंद्र ने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक का कोई सबूत भी अभी तक नहीं दिया है. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाए जाने के बावजूद यहां पर आतंकवाद अब भी खत्म नहीं हुआ है. विभाजनकारी राजनीति समाज के किसी समुदाय के पक्ष में नहीं है.
दिग्विजय सिंह ने कहा, "पुलवामा आतंकवाद का गढ़ रहा है और हर कार की चेकिंग की जाती है. एक स्कॉर्पियो कार गलत साइड से आती है. इस कार की चेकिंग क्यों नहीं की गई? फिर टक्कर होती है और हमारे 40 जवान मारे जाते हैं. आज तक सरकार ने संसद में या सार्वजनिक रूप से घटना के बारे में जानकारी नहीं दी है." साथ ही उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक पर एक बार फिर सवाल उठाते हुए कहा कि वे सर्जिकल स्ट्राइक की बात करते हैं. लेकिन इसका भी कोई प्रमाण नहीं दिया गया है.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि राजौरी जिले के डांगरी गांव सहित हाल में हुए आतंकवादी हमले चिंताजनक हैं. उन्होंने कहा, "सबसे पहले हम राजौरी के डांगरी गांव और जम्मू के नरवाल में हुए आतंकवादी हमलों की निंदा करते हैं. जम्मू-कश्मीर की स्थिति वह नहीं है, जो अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद बताई जा रही थी. लक्षित हत्याएं और बम धमाके एक बार फिर शुरू हो गए हैं." बता दें कि एक और दो जनवरी को राजौरी के डांगरी गांव में हुए दोहरे आतंकवादी हमले में एक समुदाय विशेष के सात लोगों की मौत हो गई थी, जबकि शनिवार को जम्मू के नरवाल में हुए दोहरे धमाके में नौ लोग घायल हुए हैं.
जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में सेना के बेस कैंप पर आतंकी हमले में 18 सैनिकों के शहीद होने के बाद भारत ने 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक की थी. वहीं, फरवरी 2019 में सुरक्षा काफिले पर हुए पुलवामा हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद को जिम्मेदार ठहराया गया था.
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