सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी ऋतु माहेश्वरी के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भूमि अधिग्रहण से संबंधित अवमानना मामले में अदालत में पेश होने में विफल रहने के बाद ऋतु माहेश्वरी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. गुरुवार को उच्च न्यायालय ने पुलिस को ऋतु माहेश्वरी को गिरफ्तार करने और 13 मई को अगली सुनवाई के लिए अदालत में पेश करने का निर्देश दिया था.
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गैर जमानती वारंट पर रोक लगाने के लिए ऋतु माहेश्वरी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. ऋतु माहेश्वरी ने सोमवार को हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी. उनका प्रतिनिधित्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बलबीर सिंह ने किया और भारत के मुख्य न्यायाधीश से तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया.
बलबीर सिंह ने कोर्ट से कहा कि "वे एक महिला आईएएस अधिकारी हैं और उनके दो छोटे बच्चे हैं जिनकी परीक्षाएं थीं. वे उच्च न्यायालय के समक्ष पेश हुईं. लेकिन अदालत पहुंचने में देरी हो गई. ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि उच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है.
हालांकि, मुख्य न्यायाधीश ने वारंट आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि "एक आईएएस अधिकारी के रूप में, वे नियमों और कानूनों को जानती है. हाई कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर नतीजा झेलना होगा. हर दिन हम देखते हैं कि ये हो रहा है. खासकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में. कोई न कोई अधिकारी आ रहा है, उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ राहत की मांग के लिए.
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कई नोटिसों जारी होने के बावजूद माहेश्वरी के समय पर अदालत में पेश नहीं होने पर कड़ी आपत्ति जताई थी. उन्हें हाईकोर्ट में सुबह 10 बजे पेश होने को कहा था. लेकिन वे पेश नहीं हुई थी.
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