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This Article is From Oct 01, 2023

दिल्ली पुलिस के कॉन्स्टेबल ने महिला सिपाही के मर्डर का ऐसे बनाया था प्लान, अब हुआ बड़ा खुलासा

पुलिस के मुताबिक सुरेंद्र उस पर बुरी नजर रखने लगा, जब मोना ने इसका विरोध किया तो वो 8 सितंबर 2021 को मोना को अलीपुर अपने घर की तरफ ले गया और उसकी हत्या कर दी.

दिल्ली पुलिस के कॉन्स्टेबल ने महिला सिपाही के मर्डर का ऐसे बनाया था प्लान, अब हुआ बड़ा खुलासा

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस का कांस्टेबल सुरेंद्र राणा पिछले 12 सालों दिल्ली पुलिस की पीसीआर यूनिट में तैनात है और हत्याओं की दर्जनों कॉल पर मौका ए वारदात पर जा चुका है. लेकिन इसकी भनक किसी को नहीं थी कि सुरेंद्र पीसीआर में तैनात रही अपनी ही साथी की हत्या कर उसका राज सीने में दफन किए घूम रहा है. हत्या के आरोप में सुरेंद्र, उसके साले रॉबिन और उसके दोस्त राजपाल को गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस के मुताबिक महिला 27 साल की कांस्टेबल मोना 2014 में, जबकि सुरेंद्र 2012 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था. दोनों पीसीआर में तैनात थे. वहीं से सुरेंद्र उसके संपर्क में आ गया. मोना सुरेंद्र को पिता बुलाती थी और सुरेंद्र उसे बेटा बोलता था. इसी बीच मोना का चयन यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर के लिए हो गया, फिर वो दिल्ली पुलिस की नौकरी छोड़ मुखर्जी नगर में यूपीएससी की तैयारी करने लगी, पुलिस के मुताबिक सुरेंद्र उस पर बुरी नजर रखने लगा, जब मोना ने इसका विरोध किया तो वो 8 सितंबर 2021 को मोना को अलीपुर अपने घर की तरफ ले गया और उसकी हत्या कर दी.

स्पेशल सीपी (क्राइम) ने बताया कि रविंद्र यादव हत्या के बाद उसने मोना को अलीपुर में दफना दिया और ऊपर से पत्थर रख दिए. इसके बाद उसने मोना के घरवालों को बताया कि मोना कहीं गायब हो गई है. कई बार वो मोना के घरवालों के साथ वो पुलिस थाने भी गया. उसने मोना को जिंदा दिखाने के लिए किसी और लड़की को लेकर उसके नाम से कोरोना वैक्सीन के फर्जी सर्टिफिकेट बनवा दिए, वो मोना के बैंक अकाउंट से लेनदेन करता था, जिससे लगे कि वो जिंदा है. उसके सिमकार्ड का भी इस्तेमाल करता रहा, वो मोना के घरवालों को झूठी जानकारी देकर कहता कि उसे किसी ने फोन किया है और इस लोकेशन पर है.

पुलिस और पीड़िता के परिजनों को धोखा देने के लिए सुरेंद्र का साला रॉबिन कॉल गर्ल के साथ हरियाणा, देहरादून, ऋषिकेश और मसूरी आदि शहरों के होटल में गया. वहां से वह पीड़िता के घर फोन करके कहता था कि पीड़िता उसके पास है. मोना बुलंदशहर के एक गांव की रहने वाली थी ,उसके घरवालों के मुताबिक वो पढ़ाई में टॉपर थी. उसने बीएड किया था और वो आईएएस बनना चाहती थी. लेकिन सपने टूट गया. उधर आरोपी सुरेंद्र शादी शुदा है और उसका 12 साल का बेटा है. उसे लगा कि मोना अफसर बन जाएगी और अब इससे शादी करना ठीक रहेगा. लेकिन मोना उसे एक पिता की नजर से देखती थी. पुलिस अब बरामद कंकाल का डीएनए टेस्ट कराएगी.

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