राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने अपने वफादार विधायकों का बचाव करते हुए कि वह राज्य में 2020 के विद्रोह के दौरान अपनी सरकार को बचाने वाले 102 विधायकों को नहीं छोड़ सकते. साथ ही उन्होंने 2020 में उनके खिलाफ बगावत करने वाले विधायकों (MLAs) पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि वे लोग बीजेपी के साथ हैं.
गहलोत ने कहा, "हमारे कुछ विधायक अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान और अन्य नेताओं से मिले. अमित शाह हमारे विधायकों को मिठाई खिला रहे थे तो, मैं उन 102 विधायकों को कैसे भूल सकता हूं जिन्होंने कांग्रेस सरकार को बचाया." उन्होंने कहा, "जब भी मुझे जरूरत पड़ी, राजनीतिक संकट के दौरान या कोरोना के दौरान मुझे जनता का समर्थन मिला. इसलिए मैं उनसे कैसे दूर रह सकता हूं."
गहलोत ने सचिन पायलट का नाम लिए बिना संकेत दिया कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए उनकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि राज्य में नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर विधायकों में नाराजगी क्यों है. गहलोत पिछले सप्ताह तक पार्टी आलाकमान के आशीर्वाद से कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने के लिए निश्चित थे, लेकिन उनके वफादार विधायकों के काम के चलते उनका पत्ता कट गया.
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