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This Article is From Oct 12, 2017

हनीप्रीत का कबूलनामा - बाबा बरी होते तो सत्संग करते, दोषी होते तो दंगा, वही तो किया

पंचकूला पुलिस के मुताबिक- हनीप्रीत ने कबूला है कि 17 अगस्त को सिरसा डेरे में हुई मीटिंग की अध्यक्षता उसी ने की.

हनीप्रीत का कबूलनामा - बाबा बरी होते तो सत्संग करते, दोषी होते तो दंगा, वही तो किया
हनीप्रीत का कबूलनामा
Quick Reads
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गुरमीत राम रहीम बरी हो जाते तो पंचकूला में सत्संग होता
बरी नहीं हुए तो दंगा होना ही था
हनीप्रीत ने पंचकूला पुलिस के सामने किए कई खुलासे
नई दिल्ली: अब तक पंचकूला पुलिस के सवालों का गोलमोल जवाब देने वाली हनीप्रीत ने अपने जुर्म कबूल कर लिए हैं. पंचकूला पुलिस ने यह दावा किया है. पंचकूला पुलिस के मुताबिक- हनीप्रीत ने कबूला है कि 17 अगस्त को सिरसा डेरे में हुई मीटिंग की अध्यक्षता उसी ने की. इसी मीटिंग से पंचकूला में दंगे करवाने की साजिश शुरू हुई. हनीप्रीत ने मैप पर मार्किंग करने, ब्लैकमनी से फंडिंग कराने, देश के खिलाफ वीडियो वायरल करने के साथ ही कई जुर्म कबूले हैं. हालांकि पुलिस कस्टडी में दिए इन बयानों की कोर्ट में वैल्यू न के बराबर है. वहीं पुलिस अभी तक दंगा भड़काने में अहम रोल निभाने वाले आदित्य, पवन, गोबीराम को पकड़ नहीं पाई है.

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गौरतलब है कि डेरा मुखी पर साध्वी यौन शोषण केस की सुनवाई पंचकूला कोर्ट में चल रही थी. फैसला 25 अगस्त को आना है यह पहले ही तय था. इसी सिलसिले में 17 अगस्त को सिरसा डेरे में एक मीटिंग हुई, जिसकी अध्यक्षता हनीप्रीत ने की. इसी मीटिंग में फाइनल किया कि 25 अगस्त को डेरा प्रमुख को बरी कर दिया जाता, तो पंचकूला में सत्संग करेंगे. डेरा समर्थकों को पहले ही पंचकूला पहुंचने को कहा और सेक्टर-23 में तैयारी करने को कहा. खाली साइट्स पर पहले ही साफ-सफाई करा दी गई. सारी प्लानिंग कोर्ट के फैसले पर टिकी थी, इसलिए इसी मीटिंग में तय किया गया कि गुरमीत सिंह के खिलाफ फैसला आता है तो पंचकूला में दंगा भड़का दिया जाएगा.

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दंगों को अंजाम देने के लिए पंचकूला में उपद्रवियों की एंट्री कैसे करनी है, उन्हें कैसे निकालना है. कहां फोकस करना है,
ये सारी प्लानिंग हनीप्रीत ने लैपटॉप पर की. इसके लिए पंचकूला के मैप पर मार्किंग की गई. यह भी तय किया गया कि इस साजिश में अहम रोल निभाने वाले वॉट्सऐप कॉलिंग के जरिए कॉन्टैक्ट में रहेंगे, नॉर्मल कॉलिंग का इस्तेमाल नहीं करेंगे. दंगे की फंडिंग ब्लैकमनी से की गई थी. इसके फर्जी कागजात तैयार करने का जिम्मा बाबा के पीए राकेश को दिया गया. करीब 5 करोड़ रुपये हनीप्रीत ने चमकौर इंसां के हाथों खुद भिजवाए. डेरा प्रमुख के पीए राकेश ने भी अपने बयान में कहा था कि दंगे के लिए ब्लैकमनी इस्तेमाल की गई. इसे व्हाइट करने के लिए हनीप्रीत ने फर्जी दस्तावेज बनाने को कहा था.

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