केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) को उपभोक्ताओं को टार्गेट करने के बजाय मादक पदार्थों के तस्करों और कार्टेल पर नकेल कसने पर ध्यान देना चाहिए. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के एंटी नार्कोटिक्स टास्क फोर्स के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि नशा करने वाले पीड़ित होते हैं जिन्हें पुनर्वास की आवश्यकता होती है. अपराधीकरण की आवश्यकता नहीं होती है.
शाह ने कहा कि हमारा दृष्टिकोण साफ होना चाहिए कि जो ड्रग्स का सेवन करता है वह पीड़ित है और जो ड्रग्स का कारोबार करता है वह अपराधी है, और उनसे दृढ़ता से निपटने की आवश्यकता है. हमें पुनर्वास में उनकी मदद करनी चाहिए. जांच का फोकस ड्रग व्यापार के पीछे तस्करों और कार्टेलों पर होना चाहिए.
शाह ने कहा कि नशे ने न केवल युवा पीढ़ी को खोखला बनाया है बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी इसके कई प्रतिकूल प्रभाव पड़े हैं. उन्होंने यह भी कहा कि नार्को-टेररिज्म के जरिए ड्रग तस्कर देश की सीमा की सुरक्षा में सेंध लगा सकते हैं.उन्होंने कहा कि अगर 130 करोड़ भारतीय इसे एक साथ लड़ते हैं, तो हम इस लड़ाई को जीत लेंगे. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने आजादी के 100वें वर्ष 2047 तक देश को नशा मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है.
ये भी पढ़ें-
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं