केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर वोट के लिए आदिवासी समुदाय का शोषण करने का रविवार को आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही द्रौपदी मुर्मू के रूप में देश को पहली आदिवासी राष्ट्रपति मिलीं.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस के शासन में गरीबी बढ़ी, भले ही पार्टी ने इसे खत्म करने का आह्वान किया था. शाह ने आदिवासी बहुल नर्मदा जिले के डेडियापाड़ा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस ने केवल भाषण दिया. इसने गरीबी मिटाने का नारा दिया, लेकिन इसके बजाय गरीबों को खत्म करने का काम किया. इसने आदिवासियों के वोट लेकर उनका शोषण किया. आजादी के 70 साल बाद भी एक भी आदिवासी भाई या बहन देश का राष्ट्रपति नहीं बना था.''
उन्होंने कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने ओडिशा के संथाल परगना की एक आदिवासी, गरीब परिवार की बेटी द्रौपदी मुर्मू को देश की राष्ट्रपति बनाया.'' उन्होंने कहा कि मोदी ने अमीर और गरीब के बीच के विभाजन को खत्म करने की दिशा में काम किया. शाह ने कहा, ‘‘जब मोदी प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने अपने पहले भाषण में कहा था कि उनकी सरकार आदिवासियों, दलितों, गरीबों और ओबीसी के लिए होगी. उन्होंने जो कहा वह किया. मोदी ने बजट का एक बड़ा हिस्सा देश के 80 करोड़ गरीब लोगों के लिए आरक्षित किया है.''
उन्होंने कहा कि देश में एक भी गांव ऐसा नहीं है जहां बिजली नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘मोदी ने गरीब और अमीर में बंटे देश को एकजुट करने का काम किया.'' शाह ने गुजरात कांग्रेस के चुनाव अभियान पर भी कटाक्ष किया जिसमें तीन दशक पहले जब वह सत्ता में थी तब उसकी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया है. उन्होंने दावा किया कि विपक्षी दल ने गरीबी बढ़ाने के अलावा कुछ नहीं किया.
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस कहती है ‘‘काम बोले छे'' (काम बोलता है). पिछले 32 साल से सत्ता में नहीं है. जब गुजरात के लोगों ने 32 साल तक उसे वोट नहीं दिया, तो वह कहती है कि उसका काम बोलता है. आपने गरीबी बढ़ाने के अलावा कुछ नहीं किया.'' उन्होंने कहा कि अपने पिछले बजट में, कांग्रेस सरकार ने गुजरात में आदिवासियों के लिए 1,000 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जबकि वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अपने पिछले बजट में इस समुदाय के लिए एक लाख करोड़ रुपये आवंटित किए.
शाह ने कहा, ‘‘कांग्रेस को आदिवासी विकास का मतलब नहीं पता है...उसने आपस में लड़ाने के अलावा कुछ नहीं किया. भाजपा के सत्ता में आने के बाद पिछले 20 सालों में किसी भी थाना क्षेत्र में एक जगह भी कर्फ्यू नहीं लगाया गया है.''
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