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This Article is From Aug 17, 2023

होम लोन पर ब्याज बढ़ने से 8 शहरों में 'महंगे' हुए घर, मुंबई कतई 'अनअफोर्डेबल' : रिपोर्ट

नाइट फ्रैंक ने बुधवार को कैलेंडर वर्ष 2023 के पहले छह महीनों के लिए देश के आठ शहरों के लिए 'किफायत सूचकांक' जारी किया, जिसमें औसत परिवार के लिए मासिक किस्त (EMI) के अनुपात में आय का आकलन किया गया है.

होम लोन पर ब्याज बढ़ने से 8 शहरों में 'महंगे' हुए घर, मुंबई कतई 'अनअफोर्डेबल' : रिपोर्ट
नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष आठ शहरों में मुंबई में घर खरीदना सबसे ज़्यादा मुश्किल है...

होम लोन, यानी आवास ऋण पर ब्याज बढ़ने से वर्ष 2023 के पहले छह महीनों के दौरान में देश के आठ प्रमुख शहरों में लोगों के लिए घर खरीदना 'महंगा' पड़ रहा है. रियल एस्टेट सलाहकार नाइट फ्रैंक इंडिया की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

नाइट फ्रैंक ने बुधवार को कैलेंडर वर्ष 2023 के पहले छह महीनों के लिए देश के आठ शहरों के लिए 'किफायत सूचकांक' जारी किया, जिसमें औसत परिवार के लिए मासिक किस्त (EMI) के अनुपात में आय का आकलन किया गया है.

सूचकांक से पता चला है कि आवास ऋण पर उच्च ब्याज दरों ने 2023 में अब तक सभी बाजारों में घर की खरीदारी को महंगा कर दिया है.

अहमदाबाद सबसे ज़्यादा 'अफोर्डेबल'

शीर्ष आठ शहरों में अहमदाबाद सबसे किफायती आवास बाजार है, जिसका अनुपात 23 प्रतिशत है, इसके बाद पुणे और कोलकाता 26 प्रतिशत है, बेंगलुरू और चेन्नई 28-28 प्रतिशत पर, दिल्ली-NCR 30 प्रतिशत पर, हैदराबाद 31 प्रतिशत, और मुंबई 55 प्रतिशत पर हैं.

किसी शहर के लिए नाइट फ्रैंक अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स स्तर 40 प्रतिशत का अर्थ है कि उस शहर के परिवारों को उस इकाई के लिए आवास ऋण की EMI को वित्तपोषित करने के लिए औसतन अपनी आय का 40 प्रतिशत खर्च करने की आवश्यकता होती है.

आय के आधे से ज़्यादा EMI सही नहीं

इसमें कहा गया है कि 50 प्रतिशत से अधिक EMI/आय अनुपात को वहन करने योग्य नहीं माना जाता है, क्योंकि यह वह सीमा है, जिसके आगे बैंक शायद ही कभी किसी बंधक को अंडरराइट करते हैं.

नाइट फ्रैंक ने कहा कि भारत के आठ शहरों में 2010 से 2021 तक सामर्थ्य सूचकांक में लगातार सुधार देखा गया, खासकर महामारी के दौरान, जब RBI ने रेपो रेट में कटौती कर दशक के निचले स्तर पर ला दिया.

14.4% बढ़ा है EMI का भार

नाइट फ्रैंक ने कहा, "बढ़ती मुद्रास्फीति को संबोधित करने के लिए केंद्रीय बैंक ने तब से रेपो रेट दर में 250 बीपीएस की वृद्धि की है, जिससे शहरों में सामर्थ्य पर औसतन 2.5 प्रतिशत का असर पड़ा है और EMI भार में 14.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है."

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