देश के कई हिस्सों में एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को दवाएं नहीं मिल रही हैं. दवा की कमी से परेशान मरीज विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. कोविड के दौर में भी HIV पॉजिटिव मरीजों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा था. मरीजों का दावा है कि कई अस्पतालों में 5-7 दिनों की ही दवाएं मिल पा रही हैं.
हालांकि, एचआईवी (ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस) की दवाओं की कथित कमी पर प्रदर्शनों के बीच आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि ‘‘एचआईवी से पीड़ित करीब 95 फीसदी लोगों'' के लिए देशभर में दवाओं का पर्याप्त भंडार है.
उन्होंने बताया कि दिल्ली में एंटीरेट्रोवायरल (एआरवी) दवाओं की कोई कमी नहीं है और कई दवाओं की अगली खेप खरीदने के लिए आपूर्ति के नए ऑर्डर पहले ही दे दिए गए हैं.
निजी एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) केंद्र के समक्ष कभी-कभी यह परेशानी आ सकती है लेकिन नजदीकी केंद्र से तत्काल दवाएं पुन: आवंटित की जाती हैं. गौरतलब है कि एचआईवी मरीजों का एक समूह पिछले कुछ दिनों से राष्ट्रीय राजधानी में एआरवी दवाओं की कमी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है.
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