असम (Assam) के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (CM Himanta Biswa Sarma) ने वीर सावरकर पर टिप्पणी को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर निशाना साधा. सरमा ने कहा कि जिन लोगों ने देश के लिए कोई योगदान नहीं दिया है, उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों (Freedom fighters) से सवाल नहीं करना चाहिए. सरमा ने असम में 600 से अधिक वर्षों तक शासन करने वाले अहोम राजवंश के महान सेनापति लाचित बरफुकन की 400वीं वर्षगांठ के अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी में एक कार्यक्रम में भाग लिया.
इस अवसर पर बोलते हुए, असम के मुख्यमंत्री ने कहा, "मुग़ल कभी भी पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत पर विजय प्राप्त नहीं कर सके. इतिहास को फिर से लिखने की आवश्यकता है, क्योंकि वामपंथी इतिहासकारों ने विकृत किया है और ऐसा दिखाया है कि मुगल सम्राटों ने पूरे भारत पर विजय प्राप्त की. उन्होंने पूर्वोत्तर भारत, असम और दक्षिण भारत पर कभी भी विजय प्राप्त नहीं की. सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर, सरमा ने कहा, "सावरकर ने कई साल जेल में बिताए, जो लोग सवाल कर रहे हैं कि उन्होंने देश के लिए क्या किया. सावरकर के योगदान पर सवाल उठाना पाप है, राहुल गांधी को यह पाप नहीं करना चाहिए."
उन्होंने आगे कहा कि यह पूरे भारत को मुगलों द्वारा पराजित करने के लिए "वामपंथी पार्टी की साजिश" थी. इससे पहले गुरुवार को महाराष्ट्र में अपनी 'भात जोड़ो यात्रा' के इतर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, राहुल गांधी ने कथित तौर पर सावरकर द्वारा अंग्रेजों को लिखे गए एक पत्र को पढ़कर दावा किया कि भगवा विचारक ने महात्मा गांधी, जवाहरलाल जैसे नेताओं को धोखा दिया. सावरकर ने आज़ादी से पहले अंग्रेजों से माफ़ीनामा पत्र पर हस्ताक्षर करके नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल को धोखा देने का काम किया है.
"सावरकर ने अंग्रेजों को पत्र में लिखा, 'सर, मैं आपका सबसे आज्ञाकारी सेवक बने रहने की विनती करता हूं', और उस पर हस्ताक्षर किए. सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की. उन्होंने इस पत्र पर हस्ताक्षर करके महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल जैसे नेताओं को धोखा दिया. मुंबई के ठाणे नगर पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज होने के बाद गुरुवार को राहुल गांधी की टिप्पणी पर भारी प्रतिक्रियाएं आईं.
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने दावा किया कि यह बयान सुभाष चंद्र बोस और सरदार पटेल जैसे राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान करने वाला है. गांधी के बयान को 'अपमानजनक' करार देते हुए, भाजपा ने मांग की कि वह बिना शर्त माफी मांगें.
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