हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में लोगों को बदलते मौसम के कारण कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.खासकर ऊंचाई वाले इलाकों में कई बार तापमान शून्य से भी नीचे चला जाता है. बारिश और बर्फबारी के बिना मौसम शुष्क हो जाता है. ऐसे में पानी की कमी ना हो इसके लिए हिमाचल के किन्नौर जिला के तिब्बत (Tibet) सीमा के लोगों ने नई तरकीब खोजी है. लोग पेयजल के नल से पानी नाले में छोड़ पानी का कृत्रिम ग्लेशियर (Artificial glacier) बना रहे है.
किन्नौर के अति दुर्गम क्षेत्र हांगों में युवाओं का यह प्रयास सफल भी हुआ है. युवाओं ने यूट्यूब पर वीडियो देखकर इसे बनाया है. इस जमे बर्फ के पानी का आने वाले गर्मियां में किसान खेतों में फसलों की सिंचाई के लिए और दूसरे उपयोग कर सकते हैं.बताते चलें कि किन्नौर में तापमान काफी कम रहता है इस कारण काफी आसानी से पानी बर्फ में तब्दील हो जाता है और कृत्रिम ग्लेशियर का निर्माण हो जाएगा. गर्मियों में, जब बर्फ पिघलती है, तो पानी का उपयोग सिंचाई के लिए किया जा सकता है और पानी की कमी की समस्या को हल करने में इससे मदद मिल सकती है.
किन्नौर जिला के स्थानीय निवासी जिला परिषद सदस्य शांता कुमार नेगी ने कहा कि आने वाले समय मे ग्लोबल वार्मिंग और प्राकृतिक आपदा के चलते युवा पीढ़ी नई तरकीब कर रहें है जो सहरानीय भी है औऱ नई पीढी को मैसेज भी है.
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