
- हिमाचल प्रदेश के मंडी, कांगड़ा, चंबा और कुल्लू जिलों में तेज बारिश से भारी तबाही देखने को मिल रही है
- मंडी में व्यास नदी का जलस्तर बढ़कर कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर चुका है और बस्तियां जलमग्न हैं
- लगभग तीन सौ साल पुराने पंजवक्त्र महादेव मंदिर का मुख्य हिस्सा भी जलमग्न होकर भारी क्षति का सामना कर रहा है
हिमाचल प्रदेश इन दिनों भारी बारिश से जूझ रहा है. पिछले 24 घंटों में हुई तेज बारिश ने पूरे प्रदेश में तबाही मचा दी है. मंडी, कांगड़ा, चंबा और कुल्लू जैसे जिलों में स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है. खासकर मंडी में व्यास नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और नदी किनारे बसे इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. ड्रोन से ली गई तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि नदी का पानी कई जगहों पर किनारों को लांघकर बस्तियों तक पहुंच चुका है.
ऐतिहासिक मंदिर का हिस्सा डूबा
मंडी में व्यास नदी के किनारे स्थित एतिहासिक पंजवक्त्र महादेव मंदिर का बड़ा हिस्सा भी पानी में डूब गया है. स्थानीय लोगों के मुताबिक यह मंदिर काफी पुराना है और यहां हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. लेकिन तेज बारिश और बाढ़ के कारण मंदिर का मुख्य हिस्सा अब जलमग्न हो गया है. जानकारी के अनुसार यह मंदिर लगभग 300 साल पुराना है.
#WATCH | Mandi, Himachal Pradesh | Drone visuals of the Beas River. The water level is on the rise due to incessant rainfall.
— ANI (@ANI) August 26, 2025
The IMD has issued a Red Alert for Chamba, Kangra and Mandi for two days pic.twitter.com/LxRNfEGNz1
IMD ने जारी किया अर्लट
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंडी, कांगड़ा और चंबा जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग का कहना है कि अगले 48 घंटे इन इलाकों के लिए बेहद अहम हैं और यहां भारी से बेहद भारी बारिश हो सकती है. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी-नालों के पास न जाएं और अनावश्यक यात्रा से बचें.
सड़कें और बिजली-पानी की आपूर्ति ठप
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित लगभग 795 सड़कें भारी बारिश और भूस्खलन के कारण बंद हो गई हैं. कई इलाकों में बिजली और पानी की आपूर्ति भी ठप हो गई है. अब तक 956 बिजली ट्रांसफॉर्मर और 517 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं. अधिकारियों का कहना है कि बहाली का काम युद्धस्तर पर जारी है, लेकिन लगातार बारिश के कारण दिक्कतें बढ़ रही हैं.
स्कूल-कॉलेज बंद, NDRF की टीमें तैनात
मंडी, कांगड़ा, चंबा, बिलासपुर और कुल्लू जिलों में जिला प्रशासन ने कई जगहों पर शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया है.
लगातार बढ़ रहा खतरा
मौसम विभाग का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में मानसून की सक्रियता अभी और बढ़ सकती है। ऐसे में भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने जैसी घटनाओं का खतरा बरकरार है। प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और जरूरत पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट होने की सलाह दी है।
हिमाचल में बारिश का यह कहर एक बार फिर प्राकृतिक आपदाओं के प्रति राज्य की संवेदनशीलता को उजागर करता है। सरकार और प्रशासन की कोशिश है कि जान-माल का नुकसान कम से कम हो, लेकिन मौसम के आगे अभी भी चुनौती बड़ी बनी हुई है।
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