कांग्रेस आलाकमान ने हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह को दिल्ली तलब किया था. विक्रमादित्य सिंह के बयान से पार्टी नाराज है. कांग्रेस ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह को हिदायत दी कि वो या कोई अन्य नेता पार्टी की नीतियों और विचारधारा के खिलाफ नहीं जा सकता.
प्रदेश में दुकानदारों के लिए नेमप्लेट से संबंधित मुद्दे पर बयान देने वाले विक्रमादित्य सिंह ने यहां कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल से मुलाकात कर मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट की.
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि वेणुगोपाल ने विक्रमादित्य से दो टूक कहा कि वो या कोई अन्य नेता कांग्रेस की नीतियों और विचारधारा के विरुद्ध नहीं जा सकता.
सूत्रों के अनुसार, वेणुगोपाल ने हिमाचल सरकार के मंत्री से ये भी कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी देश में नफरत के खिलाफ मोहब्बत की राजनीति कर रहे हैं और ऐसे में कोई भी कांग्रेस नेता पार्टी की विचारधारा के विरुद्ध नहीं जा सकता.
सूत्रों का कहना है कि विक्रमादित्य सिंह ने वेणुगोपाल के सामने ये सफाई दी कि उनकी टिप्पणियों को मीडिया ने तोड़-मरोड़कर पेश किया.
रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदारों के लिए नाम प्रदर्शित करने को अनिवार्य बनाने के मंत्री विक्रमादित्य सिंह के ऐलान को लेकर आलोचना का सामना करने के बाद हिमाचल प्रदेश सरकार ने गुरुवार को कहा था कि ऐसा कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है.
राज्य के लोकनिर्माण और शहरी विकास मंत्री सिंह ने बुधवार को मीडिया से कहा था कि रेहड़ी-पटरी पर दुकान लगाने वाले लोगों के लिए, खासकर खाद्य पदार्थ बेचने वालों के लिए, दुकान पर पहचान पत्र प्रदर्शित करने को अनिवार्य किया जाएगा.
उन्होंने कहा था कि यह निर्णय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए फैसले की तर्ज पर लिया गया है.
विक्रमादित्य सिंह ने क्या कहा था?
विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार को शिमला में मीडिया से बातचीत में कहा, "नेम प्लेट लगाने के लिए शहरी विकास विभाग को निर्देश दे दिए गए हैं. खासकर खाने-पीने का सामान बेचने वालों को साफ-सफाई के लिहाज से भी ध्यान रखने की जरूरत है. सफाई को लेकर लोगों ने चिंताएं व्यक्त की हैं. स्ट्रीट वेंडर कमेटी बन चुकी है. इसी कमेटी से फोटो वाला लाइसेंस लिया जाएगा."
यूपी में योगी सरकार लाई कौन सा कानून?
उत्तर प्रदेश में 24 सितंबर से खाने-पीने की दुकानों पर नेमप्लेट लगाना अनिवार्य हो गया है. CM योगी आदित्यनाथ ने कहा, "प्रदेश के सभी होटलों, ढाबों, रेस्टोरेंट की गहन जांच और हर कर्मचारी का पुलिस वेरिफिकेशन किया जाए. खाने की चीजों की शुद्धता के लिए खाद्य सुरक्षा अधिनियम में जरूरी बदलाव किए जाएं."
नए आदेश के मुताबिक, खान-पान केंद्रों पर संचालक, प्रौपराइटर, मैनेजर का नाम और पता डिस्प्ले करना अनिवार्य होगा. पूरे रेस्टोरेंट में CCTV लगाने होंगे. साथ ही कर्मचारियों को मास्क-ग्लव्ज पहनना जरूरी होगा.
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