- हिमाचल प्रदेश के हजारों पेंशनरों ने धर्मशाला में अपनी लंबित मांगों को लेकर जोरदार धरना प्रदर्शन किया
- प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा विधानसभा का घेराव रोकने पर सड़क जाम कर दिया जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया
- मुख्यमंत्री ने पेंशनरों के 35 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया और समाधान की पहल की
हिमाचल प्रदेश के हजारों पेंशनरों ने गुरुवार को अपनी लंबित मांगों को लेकर धर्मशाला में जोरदार धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के बाद जब पेंशनरों को विधानसभा का घेराव करने से रोका गया, तो उन्होंने जोरावर स्टेडियम से विधानसभा जाने वाली सड़क को पूरी तरह से जाम कर दिया, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया. प्रदेश भर से आए हजारों पेंशनर ऑल इंडिया राज्य पेंशनर संघ के उपाध्यक्ष घनश्याम शर्मा और सुरेश ठाकुर की अध्यक्षता में जोरावर स्टेडियम पहुंचे. विधान सभा की ओर बढ़ते हुए प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था. पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद, पेंशनरों ने सड़क के बीचों-बीच बैठकर चक्का जाम कर दिया और अपनी मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की.
मुख्यमंत्री से प्रतिनिधिमंडल की वार्ता
सड़क जाम होने के बाद स्थिति को संभालने के लिए मुख्यमंत्री की ओर से पहल की गई. मुख्यमंत्री ने पेंशनरों के 35 लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया. प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट कर दिया कि यदि मुख्यमंत्री के साथ हुई बातचीत में उनकी मांगों पर सहमति बनती है, तभी चक्का जाम खोला जाएगा, अन्यथा धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.

पेंशनरों की मुख्य लंबित मांगें
पेंशनरों का कहना है कि उनकी कई महत्वपूर्ण मांगें लंबे समय से बकाया पड़ी हैं, जिससे उन्हें भारी वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. हजारों कर्मचारियों का 2016 से लेकर 2022 तक का पे एरियर और ग्रेच्युटी बकाया है. उन्हें मिलने वाला 4 प्रतिशत डीए (महंगाई भत्ता) भी बकाया है. हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) के कई कर्मचारियों को अभी तक छठे वेतन आयोग का लाभ नहीं मिला है, और उनकी पेंशन भी बकाया चल रही है.

ओपीएस (OPS) की विसंगति, क्या बोले पेंशनर्स
शिक्षा विभाग से रिटायर हुए जगदीश चंद पालसरा ने बताया कि उन्होंने जून 2024 में ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना) की उम्मीद में चार लाख रुपये जमा करवाए थे, लेकिन तीन साल बाद भी उन्हें न एनपीएस (NPS) मिल रही है और न ओपीएस. एचआरटीसी से सेवानिवृत्त बीर सिंह चौहान ने बताया कि उन्हें पिछले दो महीने से पेंशन ही नहीं मिली है. पेंशनरों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी सभी जायज मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा.

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