
अलगाववादियों ने शहर में बंद बुलाया है। जुबिन के शो विरोध में हकीकत−ए−कश्मीर का आयोजन किया जा रहा है।
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अलगाववादियों ने शहर में बंद बुलाया है। मेहता के प्रोग्राम के विरोध में हकीकत-ए-कश्मीर नाम का प्रोग्राम करने वाले आयोजकों ने उनके कंसर्ट पर निशाना साधा है। जुबिन के शो के से ठीक पहले उनके विरोध में हकीकत−ए−कश्मीर का आयोजन किया जा रहा है।
पश्चिमी शास्त्रीय संगीत के भारतीय मूल के विशेषज्ञ संगीतकार मेहता ने शालीमार बाग में अपनी मंडली द्वारा पेश किए जाने वाले कार्यक्रम को लेकर उत्पन्न विवादों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि वह यहां पर केवल संगीत पेश करने के लिए आए हैं। उन्होंने नई दिल्ली में शुक्रवार को कहा, मुझे उनसे (अलगाववादियों और कन्सर्ट का विरोध करने वालों) कुछ नहीं कहना...हम अपना संगीत कार्यक्रम पेश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, मुझे (कश्मीर में कार्यक्रम पेश करने को लेकर) बहुत खुशी है। मैं उम्मीद करता हूं कि देश के लोग हमारे इस कार्यक्रम के लिए आशीर्वाद देंगे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए टैगोर पुरस्कार से सम्मानित किए गए मेहता ने कहा, संगीत शांति का संदेश है और वह और उनकी टीम के सदस्य इसका एहसास-ए-कश्मीर संगीत कन्सर्ट में प्रयास करेंगे।
उन्होंने राष्ट्रपति भवन में मुखर्जी से टैगोर पुरस्कार प्राप्त करते हुए कहा कि उन्हें सभी के आशीर्वाद की जरूरत है और वह और उनकी टीम के सदस्य कश्मीर में दिल से संगीत पेश करेंगे।’ मुखर्जी ने इस मौके पर मेहता को अपनी शुभकामनाएं दीं और कामना की कि वह कश्मीर के लोगों को मंत्रमुग्ध कर देंगे।
(इनपुट भाषा से भी)
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