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कुछ ही घंटों की बारिश और पानी में बेबस मुंबई, अब BMC की तैयारियों पर क्यों उठ रहे सवाल

BMC ने जलभराव से निपटने के लिए जल निकासी प्रणाली की समीक्षा शुरू की है, अतिरिक्त पंप लगाने की योजना बनाई है, 29 मई से सफाई अभियान चला रही है और नाकाम ठेकेदारों पर भी जुर्माना लगाया जा रहा है.

कुछ ही घंटों की बारिश और पानी में बेबस मुंबई, अब BMC की तैयारियों पर क्यों उठ रहे सवाल

मुंबई में बीते दिन हुए तेज बारिश के बाद बीएमसी की आंतरिक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. शहर में 80 नए जलभराव वाले स्थान चिन्हित किए गए हैं. कुल 120 शिकायतों में से ये 80 लोकेशन पहली बार जलमग्न हुई हैं जिसमें कई अहम स्थान शामिल हैं. मानसून से पहले ही इतने नए जलभराव के प्वाइंट्स सामने आने से बीएमसी की तैयारियों पर सवाल उठ रहे हैं.

बारिश की कुछ घंटों की मार और मुंबई की सबसे ताकतवर जगहें पानी में बेबस हो गई. बीएमसी मुख्यालय, जो शहर की धड़कन चलाता है. मंत्रालय, जहां से पूरे राज्य की नीतियां बनती हैं. मेट्रो सिनेमा के सबवे से लेकर गोल मस्जिद तक, जहां हर रोज हजारों कदम चलते हैं. 26 मई की बारिश में ये तमाम जगहें पानी में डूब गई. बीएमसी की रिपोर्ट ने इन्हें अब ‘फ्लडिंग स्पॉट्स' घोषित कर दिया है, यानी अब बारिश सिर्फ आसमान से नहीं गिरती, बल्कि शहर की साख पर भी.

CSMT के सामने ऐसा पानी भरता है, हम परेशान है. महिला बुजुर्ग कई लोग पानी भरने के चलते रास्ते पर गिर जाती हैं और परसों एक महिला की हड्डी टूट गई थी. बीएमसी ने इस बार किसी नाले की सफाई नहीं की थी जिसके चलते हमने पानी भरता देखा बीएमसी तो कहती है कि उन्होंने कम कर दिया है लेकिन इससे सबसे ज्यादा हम आम लोग परेशान होते हैं.

BMC ने जलभराव से निपटने के लिए जल निकासी प्रणाली की समीक्षा शुरू की है, अतिरिक्त पंप लगाने की योजना बनाई है, 29 मई से सफाई अभियान चला रही है और नाकाम ठेकेदारों पर भी जुर्माना लगाया जा रहा है.

नए जलभराव स्थानों में मेट्रो सिनेमा सबवे, क्रॉफर्ड मार्केट, बल्लार्ड एस्टेट, सेंट जेवियर कॉलेज के पास सबवे, हुतात्मा चौक, ब्रीच कैंडी, कोलाबा, फोर्ट, मरीन ड्राइव, हाई कोर्ट क्षेत्र, मंत्रालय परिसर, और ग्रांट रोड शामिल हैं. चर्चगेट, क्रॉफर्ड मार्केट, घोल मस्जिद और फोर्ट जैसे पॉश इलाकों में भी पहली बार पानी भरा. बीएमसी अब इन इलाकों में अतिरिक्त पंप लगाने और जलनिकासी की समीक्षा करने की तैयारी में है. मंत्री आशीष शेलार ने ₹1 लाख करोड़ खर्च का श्वेत पत्र मांगा है.

मुंबई में हर साल बारिश का पानी सिर्फ सड़कों पर नहीं, योजनाओं की कमजोर नींव पर भी बहता है. बीएमसी का दावा है कि इस साल पहली बार वे रीयल टाइम डेटा के आधार पर AI के जरिए जलभराव की निगरानी कर रहे हैं. लेकिन सवाल यही है, क्या ये डेटा पर काम कैसे किया जाता है और मुंबई शहर में खास तौर पर इन प्रमुख इलाकों को कैसे जलमग्न होने के बचती है. बीएमसी, ये बड़ा सवाल है.

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