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भीषण गर्मी के अलर्ट के बाद एक्शन में केंद्र, राज्यों को लिखा पत्र ; जानिए सरकार का फूलप्रूफ प्लान

27 मार्च को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने राज्यों को जारी आदेश कर कहा कि देश के कुछ हिस्सों में तापमान बढ़ने से गर्म हवाएं और भीषण गर्मी का अनुभव किया जा रहा है. ऐसे में राज्य स्वास्थ्य प्रभाव को लेकर नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल द्वारा जारी स्वास्थ्य गाइडलाइन को लागू करें.

भीषण गर्मी के अलर्ट के बाद एक्शन में केंद्र, राज्यों को लिखा पत्र ; जानिए सरकार का फूलप्रूफ प्लान
नई दिल्ली:

भारतीय मौसम विभाग ने गर्मी और हीट वेव को लेकर अलर्ट जारी करने के बाद केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने को कहा है. इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को पत्र लिखा है. मौसम विभाग ने कहा था कि इस साल मार्च से लेकर जुलाई के बीच देश के 20 से ज्यादा राज्यों में भीषण गर्मी पड़ेगी. ऐसे में लोगों को इस मौसमी प्रभाव से बचने के लिए तुरंत सभी स्वास्थ्य केंद्र पर व्यवस्था की समीक्षा की जानी चाहिए.

मार्च अप्रैल मई में अधिकतम तापमान देश की अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक रहने की संभावना है. केवल प्रायद्वीप भारत के दक्षिणी भागों को और पूर्वोत्तर भारत के कुछ स्थानों को छोड़कर जहां सामन्य से नीचे अधिक तापमान रहने की संभावना है. वहीं, न्यूनतम तापमान की बात करें तो यह भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक रहने की संभावना है.

देश के अधिकांश भागों में सामान्य से अधिक हीट वेव रहेगी. केवल पूर्वोत्तर भारत, सुदूर उत्तर भारत और प्रायद्वीप भारत के दक्षिण पश्चिम और दक्षिणी भागों को छोड़कर क्या सामान्य और सामान्य से कम हीट वेव रहने की संभावना है. मौसम विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पिछले 125 वर्षों में इतनी गर्मी कभी नहीं पड़ी, जितनी इस साल फरवरी 2025 में दर्ज की गई. हाल के वर्षों की तुलना में इस बार रातें भी पहले ही गर्म होने लगी हैं.


मौसम विभाग की रिपोर्ट में क्या?

  • फरवरी में 31 राज्यों में कम से कम एक बार रात में तापमान सामान्य से कम से कम एक डिग्री सेल्सियस अधिक रहा.
  • 15 मार्च को ओडिशा के बौध में भारत का सबसे अधिक तापमान रिकॉर्ड किया गया. 
  •  राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में रात का तापमान सामान्य से 5.1 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक अधिक रिकॉर्ड किया गया.
  •  रिपोर्ट में कहा गया कि इस साल उत्तर-पश्चिम भारत के राज्यों में हीटवेव के दिनों की संख्या लगभग दोगुनी रहेगी.
  •  इनमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश के नाम शामिल हैं. 
  • आमतौर पर यहां हीटवेव 5-6 दिन चलती है, लेकिन इस बार 10 से 12 दिन चल गर्म हवाएं चल सकती हैं.

27 मार्च को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने राज्यों को जारी आदेश कर कहा कि देश के कुछ हिस्सों में तापमान बढ़ने से गर्म हवाएं और भीषण गर्मी का अनुभव किया जा रहा है. ऐसे में राज्य स्वास्थ्य प्रभाव को लेकर नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल द्वारा जारी स्वास्थ्य गाइडलाइन को लागू करें.

 केंद्र ने क्या नियम तय किए?

  •  किसी भी तरह के सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रति व्यक्ति 2 लीटर के हिसाब से पेयजल की व्यवस्था करनी अनिवार्य है. 
  • आयोजकों को 500 लोगों पर कम से कम एक पेयजल का स्टॉल लगाना जरूरी है.
  • राजनीतिक से लेकर सरकारी या फिर धार्मिक आयोजन तक सभी बड़े कार्यक्रमों के लिए यह नियम आगामी जुलाई माह तक लागू रहेंगे.
  • भीड़ भरेकार्यक्रमों में मेडिकल टीमों की तैनाती अनिवार्य है जिनके पास ओआरएस घोल से लेकर बर्फ के पैक्स तक होने चाहिए.
  • गर्मी की चपेट में आए रोगी के तापमान को तत्काल कम करने के लिए स्वास्थ्य केंद्र पर कूलिंग प्रणाली व्यवस्था होनी चाहिए.
  • लू या गर्मी से किसी व्यक्ति की मौत होने पर उसके पोस्टमार्टम को लेकर भी दिशा निर्देश लागू हैं जिन्हें नई दिल्ली स्थित रोग नियंत्रण केंद्र की वेबसाइट पर भी देखा जा सकता है.
  • सभी स्वास्थ्य केंद्रों को हर दिन ऐसे मामलों की सूचना राज्य और केंद्र स्तर पर भेजना अनिवार्य है. अस्पतालों में इमरजेंसी कूलिंग और एंबुलेंस सेवा को लेकर व्यवस्था मजबूत होनी चाहिए.


केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों से आम लोगों तक यह जानकारी पहुंचाने के लिए कहा है कि मार्च से लेकर मई और जून तक रोज दोपहर 12 से शाम तीन बजे के बीच धूप या गर्मी से सीधे संपर्क में आने से बचें. क्योंकि इस समय दिन का सबसे अधिक तापमान होता है. इसी तरह शराब,चाय, कॉफी और कोल्ड ड्रिंक के सेवन से भी बचें. इसके सेवन से लोगों को राहत नहीं बल्कि शरीर में पानी की मात्रा कम होने की आशंका ज्यादा रहेगी, जिससे उन्हें कई तरह का स्वास्थ्य जोखिम हो सकता है.

सर गंगा राम हॉस्पिटल दिल्ली के डॉक्टर ने क्या बताया? 
सर गंगा राम हॉस्पिटल दिल्ली के डॉक्टर अतुल कक्कर ने बताया कि गर्मी में पानी के कारण डायरिया, दस्त, उल्टी, पेट में दर्द, जौंडिस और टाइफाइड, कोलरा की समस्या होती है. ऐसे शुद्ध पानी की बहुत अहमियत है. आप घर से बाहर ट्रेवल कर रहे हैं तो अपना पानी और बोतल खुद लेकर जाइए. पोर्टेबल वॉटर को यूज करना चाहिए. तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए और संभव हो तो धूप में छाता और हाथ में ग्लव्स का उपयोग करना चाहिए. बुजुर्ग, छोटे बच्चे, जिन लोगों को  किडनी, लिवर, हार्ट की बीमारी है या वह लोग जो वैसी दवाई लेते हैं जो इम्युनिटी कम करती है, गर्भवती महिलाएं इन लोगों को 12 से 3 बाहर निकलने से बचना चाहिए.

हेल्थ मिनिस्टर के अंतर्गत काम करने वाली  जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय कार्यक्रम यानी NPCCHH ने भी गर्मी और हीट वेव से बचाव की गाइडलाइन जारी की है.  NPCCHH ने सबसे अधिक नवजात बच्चों, गर्भवती महिलाओं और 65 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति को बचने की सलाह दी है. गाइडलाइन में गर्भवती महिलाओं को साफ तौर पर अपने डॉक्टर से सलाह लेकर ही धूप में काम करने को कहा है.

मौसम विभाग के अनुसार इस साल गर्मी ज्यादा पड़ेगी. ऐसे में केंद्र ने राज्यों को साफ तौर पर कहा है कि वह प्रत्येक व्यक्ति को मौसम की पूर्वानुमान के बारे में बताये ताकि वह अपनी दिनचर्या पर विशेष ध्यान दे सके.

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