बीजेपी नेता (BJP) और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने यूपी के बड़े कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) के पार्टी में आने का स्वागत किया है. सिंधिया ने कहा कि वो मेरे छोटे भाई की तरह है और वह उसका भारतीय जनता पार्टी में स्वागत करते हैं. यूपी के पूर्वांचल में बड़े ब्राह्मण नेता जितिन प्रसाद ने बुधवार को कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर ली. ज्योतिरादित्य की तरह जितिन प्रसाद के पिता भी बड़े कांग्रेस नेता और केंद्रीय मंत्री रहे थे. जितिन प्रसाद औऱ ज्योतिरादित्य भी मनमोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं.
47 साल के जितिन प्रसाद ने कुछ दिनों पहले ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनके जन्मदिन पर बधाई थी, इसके बाद से ही उनके नए कदम को लेकर कयास लगाए जाने लगे थे. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ही ऐसी अटकलें जोरों पर थीं कि जितिन बीजेपी में जा सकते हैं. माना जाता है कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के त्वरित हस्तक्षेप के कारण प्रसाद ने अपना फैसला तब वापस ले लिया था.
'लेटर बम' के बाद कांग्रेस में उथल-पुथल, गुलाम नबी आजाद को महासचिव पद से हटाया गया
ज्योतिरादित्य के बाद बीजेपी में जाने वाले प्रसाद राहुल गांधी के दूसरे सबसे करीबी नेता हैं. ज्योतिरादित्य ने पिछले साल बीजेपी ज्वॉइन की थी और उनके समर्थक विधायकों के इस्तीफे के कारण कांग्रेस को एमपी में अपनी सरकार भी गंवानी पड़ी थी. जितिन प्रसाद को पार्टी में शामिल करके ब्राह्मण समुदाय तक अपनी पहुंच को और बढ़ाने की रणनीति बीजेपी ने चली है. इससे पहले बीजेपी पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी नौकरशाह रहे एके शर्मा को भी पार्टी में शामिल कर चुकी है.
He is like my younger brother, and I welcome him to Bharatiya Janata Party (BJP). I congratulate him: BJP leader Jyotiraditya Scindia on #JitinPrasada joining BJP pic.twitter.com/hNkLIZDOB2
— ANI (@ANI) June 9, 2021
जितिन प्रसाद 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव हार गए थे. 2017 का विधानसभा चुनाव भी लड़ा लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली.पिछले कुछ सालों से ब्राह्णण चेतना परिषद के जरिये समुदाय के बीच अपनी पहचान कायम करने में जुटे हैं. जितिन कांग्रेस के असंतुष्ट समूह "जी-23" का हिस्सा भी थे, जिसने पार्टी में व्यापक सुधार के लिए सोनिया गांधी को पत्र लिखा था. इस पत्र में समूह ने कांग्रेस में पूर्णकालिक नेतृत्व की आवाज उठाई थी. हालांकि 'असंतोष' जताने के बाद उन्हें पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के प्रचार अभियान से जोड़ा गया था लेकिन इन चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा. कांग्रेस को बंगाल चुनाव में एक भी सीट नसीब नहीं हुई.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं