हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election) की तारीख का ऐलान हो गया है. जम्मू कश्मीर में 3 चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को वोट पडेंगे. हरियाणा में जम्मू कश्मीर के तीसरे चरण के साथ 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी. दोनों के नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे. निर्वाचन आयोग ने करीब तीन बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों जगह चुनाव की तारीखों का ऐलान किया.
हरियाणा में सरकार बनाने के लिए कितनी सीट जीतना जरूरी
हरियाणा में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 46 सीटों का है. साल 2019 विधानसभा चुनावों में बीजेपी बहुमत से दूर रह गई थी. तब पार्टी को 40 सीटों पर जीत मिली थी और कांग्रेस ने 31 सीटें जीती थीं. जननायक जनता पार्टी को 10 और इनेलो ने 1 सीट पर जीत हासिल की थी. एक सीट हरियाणा लोकहित पार्टी को जीत मिली थी. जबकि बाकी सीटों पर निर्दलीय जीते थे. इससे पहले साल 2014 में बीजेपी ने 47 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी.
चुनाव आयोग की टीम ने किया हरियाणा का दौरा
हरियाणा में 12-13 अगस्त को चुनाव आयोग की टीम ने दो दिन का दौरा किया था और तैयारियों का जायजा लिया था. निर्वाचन आयोग की जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव 30 सितंबर से पहले कराने की भी योजना है. यह समय सीमा सुप्रीम कोर्ट ने तय की है. आयोग ने चुनाव संबंधी तैयारियों का जायजा लेने के लिए हाल में जम्मू-कश्मीर और हरियाणा का दौरा किया था लेकिन उसने महाराष्ट्र का दौरा अभी तक नहीं किया है.
हरियाणा विधानसभा चुनाव से जुड़ी खास बातें
- हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़े जाएंगे. चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू ने हरियाणा का दौरा किया था.
- चंडीगढ़ में हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी पंकज अग्रवाल सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक भी गई थी.
- फिलहाल हरियाणा में भाजपा सरकार है. 3 नवंबर 2024 को सरकार का कार्यकाल खत्म हो जाएगा. ऐसे में चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी है ताकि नई सरकार का गठन हो सकें.
- हरियाणा विधानसभा चुनाव में कुल 2.01 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे. इनमें 1.06 करोड़ पुरुष वोटर और 95 लाख महिला वोटर हैं.
- विधानसभा चुनाव को लेकर हरियाणा में भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तमाम पार्टियां एक्शन में है. भाजपा, कांग्रेस, जेजेपी, इनेलो के अलावा, इस बार आम आदमी पार्टी भी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है.
- बीजेपी और कांग्रेस के अलावा इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और बसपा का गठबंधन भी राज्य की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए मैदान में है.
- बीजेपी के साथ मिलकर हरियाणा में सरकार चलाने वाली जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने इस बार अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
क्या छोटी पार्टियां बिगाड़ेगी कांग्रेस-बीजेपी का खेल
एक तरफ जहां बीजेपी के लिए हरियाणा में फिर से चुनाव जीतना किसी चुनौती से कम नहीं है. वहीं कांग्रेस हरियाणा में वापसी की उम्मीद कर रही है. जबकि दिल्ली और पंजाब में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी को इस बार हरियाणा चुनाव में काफी उम्मीदें हैं. यही वजह है कि आप पार्टी और नेता चुनाव को लेकर कमर कस चुके हैं. पूर्व सांसद राजकुमार सैनी की लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार है. कुल मिलाकर इस बार का हरियाणा चुनाव बेहद दिलचस्प होने जा रहा है. हालांकि मुख्य लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच मानी जा रही है. लेकिन छोटी पार्टियां भी इस बार दोनों पार्टियों का चुनावी गणित बिगाड़ सकती है.
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