भोपाल में हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti Procession) पर पुलिस प्रशासन ने पुराने शहर के कई इलाकों में कड़ी सुरक्षा के बीच शर्तों के साथ जुलूस निकालने की इजाज़त दी है. हालांकि पांच दिन पहले रामनवमी (Ram Navami) के दिन मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में हिंसा देखने को मिली थी, जिसके बाद सैकड़ों लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. रामनवमी के दिन जुलूस के दौरान खरगोन जिले में हिंसा देखने को मिली थी. भोपाल पुलिस ने 16 शर्ते रखी हैं. इसमें कहा गया है कि त्रिशूल, गदा के अलावा अन्य हथियार जुलूस में नही ले जा सकेंगे . डीजे पर बजने पर वाले गानों की लिस्ट भी देनी होगी और एक जुलूस में सिर्फ एक डीजे ही इस्तेमाल किया जा सकेगा. आयोजक पुलिस के साथ जुलूस के आगे चलेंगे. 600 पुलिस कर्मी सुरक्षा में तैनात रहेंगे औऱ ड्रोन कैमरे से निगरानी की जाएगी.
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शाम साढ़े चार बजे कालीघाट मंदिर, चार बत्ती चौराहा, बुधवारा, इतवारा, मंगलवारा, आज़ाद मार्केट, जुमेराती, घोड़ा नक्कास, बस स्टेंड भोपाल टॉकीज़, झूलेलाल मंदिर और सिंधी कॉलोनी इलाके में जुलूस निकाले जायेंगे. संवेदनशील स्थानों पर विशेष व्यवस्था पुलिस की तरफ से की जा रही है. पुलिस लगातार सोशल मीडिया निगरानी भी कर रही है. सोशल मीडिया की चार आपत्तिजनक पोस्ट चिन्हित कर केस कायम किए गए हैं.
गौरतलब है कि खरगोन में रामनवमी के दिन हिंसा देखने को मिली थी. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई कर सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया है. रामनवमी की शाम हिंसा के दौरान घायल शिवम शुक्ला इंदौर के एक अस्पताल में जिंदगी से जंग लड़ रहा है. 17 अप्रैल को शिवम की बहन की शादी है, लेकिन परिवार अपने बेटे की जिंदगी के लिए भगवान से प्रार्थना करने में जुटा हुआ है. वहीं खरगोन में हिंसा के पांचवें दिन शुक्रवार को कर्फ्यू में ढील दी गई.
खरगोन शहर में गुरुवार को दो-दो घंटों के लिए कर्फ्यू में दो बार ढील दी गई और इस दौरान सिर्फ महिलाओं को ही जरूरी सामान खरीदने के लिए बाहर निकलने की इजाजत थी. अधिकारियों ने कहा कि दंगों में कथित तौर पर पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई), संगठन की संलिप्तता की जांच की जाएगी.
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