'संरचना को शिवलिंग बताना दुर्भाग्यपूर्ण', ज्ञानवापी मस्जिद पक्ष ने कोर्ट में दिए एफिडेविट में कहा

मस्ज़िद पक्ष की तरफ से दायर एफिडेविट में मस्ज़िद की दीवार तोड़ कथित शिवलिंग की नापजोख कराने की अर्ज़ी पर आपत्ति जतायी गयी है.

'संरचना को शिवलिंग बताना दुर्भाग्यपूर्ण', ज्ञानवापी मस्जिद पक्ष ने कोर्ट में दिए एफिडेविट में कहा

नई दिल्ली:

ज्ञानवापी मस्ज़िद (Gyanvapi Masjid) पक्ष ने कोर्ट में एफिडेविट फाइल की है. मस्ज़िद पक्ष की तरफ से दायर एफिडेविट में मस्ज़िद की दीवार तोड़ कथित शिवलिंग की नापजोख कराने की अर्ज़ी पर आपत्ति जतायी गयी है. मस्जिद पक्ष की तरफ से कहा गया है कि जिस संरचना को “शिवलिंग” कहा जा रहा है वो वादी पक्ष या फिर सर्वे कमीशन के अधिकार क्षेत्र के बाहर है.सर्वे कमीशन की रिपोर्ट देने से पहले ही संरचना को शिवलिंग बताना दुर्भाग्यपूर्ण.

वादी पक्ष का संरचना को शिवलिंग कहना मनगढ़ंत और ग़लत है.वो शिवलिंग है इस पर न्यायालय का कोई निर्णय नहीं आया है. अगर मस्ज़िद की दीवार तोड़ी गई तो पूरी मस्ज़िद ध्वस्त हो जाएगी. दीवार तोड़ी गई तो मुस्लिम पक्ष की आस्था को गहरी चोट लगेगी.कोर्ट में रिपोर्ट पेश किए बिना वीडियो और तस्वीरों को लीक किया गया है.  वादी पक्ष फ़व्वारे को शिवलिंग बता कर देश और शहर में सांप्रदायिकता फैला कर लगातार माहौल ख़राब कर रहे हैं. शांति व्यवस्था बनाने का दायित्व न्यायालय का है.मस्ज़िद की दीवार को तोड़कर सर्वे कराने की अर्ज़ी ख़ारिज करने योग्य है.

इधर समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. शफीकुर रहमान बर्क ने वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में एक ‘शिवलिंग' की बरामदगी के दावों को झूठा प्रचार करार देते हुए सभी बुद्धिजीवियों और विपक्षी दलों से इसकी प्रभावी जांच के लिए आगे आने को कहा. संवाददाताओं से बात करते हुए सांसद बर्क ने कहा कि बाबरी मस्जिद हमसे छीन ली गई और इसकी जगह राम मंदिर बना दिया गया. उन्होंने कहा कि यह नाइंसाफी कम नहीं थी, लेकिन अब ज्ञानवापी मस्जिद का मामला सामने है.

सांसद ने सवाल किया कि मुसलमान कोई अपनी मस्जिद बनाएगा, तो गैर इस्लामिक काम क्यों करेगा? उन्होंने कहा, ‘‘इस्लाम मूर्ति पूजा के खिलाफ है, यहां तक हुक्म है की हम मस्जिद को जबरदस्ती किसी की जमीन पर कब्जा करके नहीं बना सकते. ज्ञानवापी मस्जिद की हौज मैं ‘शिवलिंग' होने का झूठा प्रचार किया जा रहा है.''

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