Gyanvapi Masjid Case : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा, चुनिंदा लीक बंद होने चाहिए.प्रेस में बातें लीक हो रही हैं. इसे कोर्ट में जमा करना था. कोर्ट इसे खोले, हमें जमीन पर संतुलन और शांति की भावना की जरूरत है. एक हद तक हीलिंग टच की जरूरत है. हम देश में संतुलन की भावना को बनाए रखने के लिए एक संयुक्त मिशन पर हैं. दरअसल, वाराणसी कोर्ट में ज्ञानवापी परिसर की वीडियो सर्वे रिपोर्ट पेश की गई थी और कुछ ही घंटे यह रिपोर्ट कथित तौर पर सार्वजनिक भी हो गई. इसको लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. जजों ने यह भी कहा कि यह हमारा सुविचारित मत है कि यह केस किसी उच्चतर न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश द्वारा ये केस सुना जाना चाहिए. कोर्ट ने जिला जज द्वारा ये केस सुने जाने का संकेत दिया. जस्टिस चंद्रचूड़ ने यह भी सवाल किया कि मस्जिद में आज नमाज की अनुमति मिली या नहीं ? मुस्लिम पक्ष ने कहा, वजुखाना सील है. 500 साल की स्थिति को बदल दिया गया. कोर्ट ने कहा, हम आपके पक्ष में ही सुझाव रख रहे हैं. अगर 1991 के कानून के तहत केस की वैधता तय की जायेगी फिर बहुत मुश्किल होगी.
रिपोर्ट लीक होने पर उठा सवाल
कोर्ट ने कहा, मामले में सुप्रीम कोर्ट दोनो पक्षों के अधिकारों को संतुलित करेंगे. आप केस के मेरिट पर बात करें. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, हम ट्रायल कोर्ट को सीमा से आगे जाने की अनुमति नहीं दे सकते. मुस्लिम पक्ष के वकील मुस्लिम पक्ष हुजेफा अहमदी ने कहा, यह तो पहले ही आगे जा चुका है, क्योंकि रिपोर्ट भी लीक की गई. जो मिला है उसे दूसरा पक्ष शिवलिंग बता रहा है जबकि हमारे मुताबिक वो फव्वारा है. परिसर में सीलबंद किया गया है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूछा कि क्या हमारे आदेश के बाद से नमाज भी नहीं हुई? अहमदी ने सफाई दी कि नमाज तो हुई लेकिन कुछ इलाका सील बंद है.
मुस्लिम पक्ष के हुफेजा अहमदी ने प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट के विभिन्न प्रावधानों का हवाला दिया औऱ दलील दी कि मस्जिद के अंदर कुछ क्षेत्र को सील किया जाना गलत है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, इस कानून के कुछ प्रावधानों का अयोध्या केस के दौरान विचार किया गया था. इस पर मुस्लिम पक्ष ने कहा कि इन विवादों को और ज्यादा नहीं बढ़ने देना चाहिए.
यूपी सरकार के वकीलों की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, कोर्ट कल से अवकाश पर है औऱ अब जुलाई में खुलेगी. मुस्लिम पक्ष के वकील अहमदी ने कहा, अगर आप केस अवकाश के बाद सुनेंगे तो... आपने कहा है कि क्षेत्र संरक्षित रहना चाहिए. यह टैंक या तालाबके बीच में है. दूसरी तरफ वजू के लिए नल भी है. आपको कोई बीच का रास्ता देखना चाहिए. लेकिन कम से कम नल का पानी हमें मुहैया होना चाहिए. तुषार मेहता ने कहा, इससे कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, समस्या हमारे पास तस्वीर भी नहीं है. यूपी सरकार ने कहा, आपके पास कमिश्नर की रिपोर्ट आने दीजिए तब.
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि ज्ञानवापी केस वाराणसी के सिविल जज की बजाय जिला जज को सौंपा जाए. मामले की जटिलता और संवेदनशीलता को देखकर यह निर्णय़ किया गया है. यह वरिष्ठ और अनुभव जज को सुनना चाहिए. हालांकि कोर्ट ने साफ किया कि मस्जिद परिसर के तालाब के बीच में कथित शिवलिंग को संरक्षित रखने का आदेश कायम रहेगा, लेकिन इससे मस्जिद में नमाज पढ़ने के मुस्लिमों के अधिकार में कोई खलल नहीं पड़ना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने बनारस के डीएम को मस्जिद में वजू के लिए पर्याप्त इंतजाम करने का आदेश दिया. मामले की अगली सुनवाई जुलाई के दूसरे हफ्ते में होगी.
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