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सीमापार से ड्रोन से हथियार मंगवाने वाले नेटवर्क का भंडाफोड़, 3 आतंकी गिरफ्तार

गुजरात एटीएस ने एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश करते किया है. एटीएस ने जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनकी पहचान डॉ. अहमद मोहिउद्दीन सैयद (निवासी हैदराबाद), आज़ाद सुलेमान शेख (शामली, उत्तर प्रदेश) और मोहम्मद सुहैल (लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई है.

सीमापार से ड्रोन से हथियार मंगवाने वाले नेटवर्क का भंडाफोड़, 3 आतंकी गिरफ्तार
एटीएस के अनुसार आरोपियों ने दिल्ली, लखनऊ और अहमदाबाद जैसे संवेदनशील शहरों में रेकी की थी...
  • गुजरात ATS ने पाकिस्तान से जुड़े अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क के तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है
  • गिरफ्तार आरोपियों में हैदराबाद का डॉक्टर और उत्तर प्रदेश के दो युवक शामिल हैं जिनके पास हथियार बरामद हुए हैं
  • जांच में पता चला है कि आरोपी ड्रोन के माध्यम से पाकिस्तान से हथियार और नकली दस्तावेज भारत में लाते थे
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गुजरात आतंकवाद-निरोधक दस्ते (एटीएस) ने एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए तीन संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है, जो पाकिस्तान स्थित हैंडलरों के संपर्क में थे. गिरफ्तार आरोपियों में हैदराबाद का एक डॉक्टर और उत्तर प्रदेश के दो युवक शामिल हैं. जांच एजेंसियों का कहना है कि यह गिरोह पाकिस्तान से भेजे गए ड्रोन के ज़रिए भारत में हथियार और नकली दस्तावेज़ प्राप्त करता था. इनका उद्देश्य आतंकी गतिविधियों को सहायता देने के लिए देश में एक लॉजिस्टिक नेटवर्क खड़ा करना था.

एटीएस ने जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनकी पहचान डॉ. अहमद मोहिउद्दीन सैयद (निवासी हैदराबाद), आज़ाद सुलेमान शेख (शामली, उत्तर प्रदेश) और मोहम्मद सुहैल (लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई है. इनके पास से हथियार, जिंदा कारतूस और करीब चार लीटर कैस्टर ऑयल बरामद किया गया है, जिसका इस्तेमाल अत्यंत विषैले रासायनिक पदार्थ रिसिन बनाने में किया जा सकता है.

जांच में  यह भी सामने आया है कि आरोपी पाकिस्तान सीमा से ड्रोन के ज़रिए हथियारों की खेप प्राप्त करते थे. शुरुआती पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि ये लोग अपने विदेशी हैंडलर अबू खालिद या अबू ख़दीजा के संपर्क में थे, जो इस्लामिक स्टेट-ख़ुरासान प्रांत (ISKP) से जुड़ा बताया जा रहा है.

एटीएस के अनुसार आरोपियों ने दिल्ली, लखनऊ और अहमदाबाद जैसे संवेदनशील शहरों में रेकी की थी. एजेंसियों को आशंका है कि वे किसी बड़ी आतंकी साजिश की तैयारी कर रहे थे. खुफिया सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों का उद्देश्य भारत में ऐसा लॉजिस्टिक नेटवर्क स्थापित करना था, जो आतंकियों को ठिकाने, आपूर्ति और वित्तीय सहयोग उपलब्ध करा सके. एटीएस अधिकारियों ने बताया कि बरामद डिजिटल उपकरणों और अन्य सामग्री की जांच जारी है. विदेशी लिंक और पाकिस्तानी ड्रोन नेटवर्क की पुष्टि के लिए केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय किया जा रहा है.

इसके बाद गुजरात, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है. एटीएस और इंटेलिजेंस ब्यूरो यह पता लगाने में जुटे हैं कि यह नेटवर्क किन राज्यों में सक्रिय था और किन लोगों के संपर्क में था. अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच जारी है और नेटवर्क से जुड़े अन्य संदिग्धों की तलाश की जा रही है.

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