गुजरात के मोरबी में रविवार को हुए ब्रिज हादसे में कई लोगों ने 'अपनों' को खोया है. इस हादसे में अब तक 134 लोगों की मौत हुई है. हादसे में एक महिला ने अपने पति और दोनों बच्चों को खोया है. बेटी जहां 9 वर्ष की थी और बेटा 7 साल का था. परिवार के ये सदस्य रविवार को जब आउटिंग के लिए ब्रिज पर गए थे तो इन्हें अहसास नहीं था कि यह वापस लौटकर नहीं आ सकेंगे. टिकट खरीदकर ये केबल ब्रिज पर गए थे. हादसा जब हुआ तो ये सभी ब्रिज पर थे. जब ब्रिज धराशायी हुआ तो सभी नदी में समा गए. NDTV से बात करते हुए इस गर्भवती महिला ने कहा, "मेरी लड़की-लड़का और पति सब चले गए. अब मैं अकेली हूं. अब हमारा कौन सहारा, हमारे सारे सहारे चले गए." आंखों में आंसू भरे इस महिला ने बताया, "मुझे चक्कर आ रहे थे इसलिए मैं वहां खड़ी हुई थी, आगे नहीं गई."
बार-बार उन्होंने यही बात दोहराई-अब हम किसके सहारे जिएंगे. सरकार के समक्ष क्या मांग रखना चाहेंगी तो उन्होंने कहा-परिवार के सब लोग चले गए, अब हम क्या मांगना चाहेंगे. हमारी मदद करिए. महिला ने कहा, "सरकार को ऐसा पुल नहीं बनाना चाहिए. मेरा घर लुट गया."
इस महिला के पिता ने बताया कि शासन-प्रशासन से अब तक कोई मदद नहीं मिली. सरकार की ओर से कोई मिलने नहीं आया, इस सवाल पर बताया कि तीन-चार अन्य लोग मिलने आए. सरकार की ओर से अब तक कोई मिलने नहीं आया, कुछ अन्य पार्टियों के लोग जरूर मिलने आए थे. उन्होंने बताया कि बच्चों के पिता मजदूरी का काम करते थे. पिता अपने बच्चों को केबल ब्रिज घुमाने के लिए लेकर गए थे लेकिन जीवित वापस नहीं आ सके. उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि सरकार उनकी गर्भवती बेटी की मदद करे. यह हादसा अधिकारियों की लापरवाही का परिणाम है.
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