Gujarat Assembly Election Results 2022 :गुजरात के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए सत्ता में वापसी की है. राज्य के अब तक रुझानों में बीजेपी 157 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है जबकि विपक्षी पार्टियां कांग्रेस और आम आदमी पार्टी उसने कोसों पीछे छोड़ दिया है. कांग्रेस जहां इस समय केवल 17 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है जबकि अरविंद केजरीवाल की AAP केवल पांच सीटों पर ही आगे है. पीएम मोदी का गृहराज्य होने के नाते गुजरात के नतीजों पर पूरे देश की नजर थी और बीजेपी ने यहां जीत हासिल कर साबित कर दिया कि दो दशक से अधिक समय से सत्ता पर काबिज रहने के बावजूद उसका जादू कायम है.
गुजरात में बीजेपी की बड़ी जीत के 5 कारण.....
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की जंग में विपक्ष के वोट कटे
गुजरात में वर्ष 2022 से पहले चुनाव में मुख्य मुकाबला दो पार्टियों के बीच ही होता रहा है. वर्ष 1990 के बाद से कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ही दो प्रमुख पार्टियों रही हैं और मुकाबला इनके इर्दगिर्द ही केंद्रित रहा है. इस बार के चुनाव इस मायने में अलग रहे कि कांग्रेस और बीजेपी के अलावा AAP का भी परिदृश्य में उभरकर आना रहा. नतीजों पर विश्लेषण करें तो बीजेपी का परंपरागत वोट बैंक तो बरकरार रहा लेकिन कांग्रेस के वोटों पर AAP एक हद तक सेंध लगाने में सफल रही. स्वाभाविक रूप से इसके कारण कांग्रेस की संभावनाएं काफी हद तक प्रभावित हुईं जबकि बीजेपी को इसका फायदा मिला. गुजरात में बीजेपी की सत्ता में वापसी को लेकर बहुत कम लोगों को ही संदेह था लेकिन कांग्रेस और 'आप' के बीच वोट बंटने से बीजेपी की जीत 'बड़ी' हो गई. वोट प्रतिशत की बात करें तो गुजरात में बीजेपी को 52 फीसदी वोट मिले हैं जबकि कांग्रेस को 27 और आम आदमी पार्टी को लगभग 13 फीसदी वोट मिले हैं.
बेहतर चुनाव मैनेजमेंट
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के मुकाबले बीजेपी का चुनाव मैनेजमेंट बेहतर रहा और इसकी झलक परिणामों में दिखी. वैसे भी बूथ स्तर पर प्रबंधन के लिए बीजेपी काफी पहचान हासिल कर चुकी. पन्ना प्रमुखों की नियुक्ति कर इनके बकायदा दायित्व तय किए गए थे. सोशल मीडिया के जरिये पार्टी ने बड़े स्तर पर अपने कोर वोटर्स तक पहुंच बनाई. बीजेपी का राज्य में सांगठनिक ढांचा बेहद मजबूत है. मेनपावर और मनी पावर के मामले में उसके चुनावी प्रबंधन तक कांग्रेस और आप आसपास भी नहीं पहुंच पाए.
जमकर चला ब्रांड मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी का गृहराज्य होने के नाते गुजरात के नतीजों पर पूरे देश की खास नजर थी. पीएम मोदी ने भी राज्य के प्रचार अभियान पर जमकर फोकस करते हुए जमकर रैलियां कीं. इसके साथ ही बीजेपी ने अपने प्रचारकों की पूरी फौज राज्य में उतार दी थी जिसने पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने का काम किया.
पीएम मोदी के प्रचार ने बीजेपी के लिए जीत की राह आसान की. आखिरी चरण में उन्होंने गुजरात में 50 किमी लंबा रोडशो किया जिसने माहौल पूरी तरह से बीजेपी के पक्ष में बना दिया.
टिकट देने में कई दिग्गजों को दिया 'आराम
बीजेपी ने पूरी योजना के साथ इस बार टिकट वितरित किए. एंटी इनकंबेंसी फेक्टर को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने इस बार नए चेहरों पर फोकस किया. पूर्व सीएम विजय रुपाणी और नितिन पटेल जैसे दिग्गज नेताओं के टिकट काट दिए गए. पार्टी ने युवा चेहरों को इस बार मौका दिया. अपनी इस रणनीति के जरिये पार्टी, वोटरों तक यह संदेश भेजने में सफल रही कि पार्टी लगातार अपने आप का अपडेट करती रहती है और इसमें कार्यकर्ताओं को पूरी तरजीह दी जाती है.
विपक्ष के पास बड़े चेहरे के अभाव, संगठन भी कमजोर
बीजेपी के मुकाबले विपक्षी पार्टियों कांग्रेस और आप में कोई बड़ा चेहरा नहीं था. इसने माहौल को पूरी तरह से बीजेपी के पक्ष में बना दिया. आम आदमी पार्टी ने इसुदान गढ़वी को सीएम कैंडिडेट डिक्लेयर किया था. कैडर और संगठन स्तर पर भी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के लिए बीजेपी को मुकाबला देना मुश्किल रहा.
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