
कांग्रेस ने जीएसटी लागू करने के समारोह में हिस्सा लेने को लेकर सरकार को कोई आश्वासन नहीं दिया है
नई दिल्ली:
वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू करने के लिए 30 जून को संसद के केंद्रीय हॉल में आयोजित विशेष आयोजन में शामिल होने को लेकर कांग्रेस और वाम दल की ओर से सोमवार को कोई आश्वासन नहीं आया. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस इस पर विचार कर रही है कि आयोजन में हिस्सा ले या नहीं. उन्होंने कहा कि उसने अपने हिस्सा लेने को लेकर सरकार को कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया है.
पहले की खबरों में कहा गया था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने की उम्मीद है.
सुरजेवाला ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी विभिन्न पहलुओं पर गौर कर रही है जिसमें यह भी शामिल है कि किस तरह से जीएसटी लागू किया गया जिससे आम लोगों, असंगठित क्षेत्र और छोटे व्यापारियों को परेशानी हुई.' सूत्रों के अनुसार कांग्रेस नेतृत्व आयोजन में हिस्सा लेने को लेकर बंटा हुआ है, पार्टी के एक वर्ग का मत है कि पार्टी को इससे दूर रहना चाहिए.
वाम सहित अन्य विपक्षी दलों को इस पर अभी निर्णय करना है कि इसमें हिस्सा लेना है या नहीं. माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उन्होंने इस प्रणाली का विरोध किया. येचुरी ने ट्वीट किया, 'व्यवस्था ठीक करने से पहले जीएसटी लागू करने में इतनी जल्दबाजी क्यों? जबकि भाजपा इसका इतने वर्षों तक विरोध करती रही, विशेष तौर पर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री.'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पहले की खबरों में कहा गया था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने की उम्मीद है.
सुरजेवाला ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी विभिन्न पहलुओं पर गौर कर रही है जिसमें यह भी शामिल है कि किस तरह से जीएसटी लागू किया गया जिससे आम लोगों, असंगठित क्षेत्र और छोटे व्यापारियों को परेशानी हुई.' सूत्रों के अनुसार कांग्रेस नेतृत्व आयोजन में हिस्सा लेने को लेकर बंटा हुआ है, पार्टी के एक वर्ग का मत है कि पार्टी को इससे दूर रहना चाहिए.
वाम सहित अन्य विपक्षी दलों को इस पर अभी निर्णय करना है कि इसमें हिस्सा लेना है या नहीं. माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उन्होंने इस प्रणाली का विरोध किया. येचुरी ने ट्वीट किया, 'व्यवस्था ठीक करने से पहले जीएसटी लागू करने में इतनी जल्दबाजी क्यों? जबकि भाजपा इसका इतने वर्षों तक विरोध करती रही, विशेष तौर पर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री.'
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