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This Article is From Nov 19, 2022

मारपीट के बाद श्रद्धा को अस्पताल और पुलिस स्टेशन ले जाने वाले गॉडविन ने बताई आफताब की 'दरिंदगी' की कहानी

गॉडविन ने बताया कि बाद में पता नहीं क्यों श्रद्धा ने कानूनी कार्रवाई से इनकार कर दिया था और पुलिस स्टेशन से अपनी शिकायत वापस ले ली थी.

नवंबर 2020 में ही आफताब ने श्रद्धा की गला दबाकर जान से मारने की कोशिश की थी. (फाइल फोटो)

मुंबई:

श्रद्धा वालकर मर्डर केस में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. आफताब पिछले कई सालों से ही श्रद्धा के साथ काफी मारपीट किया करता था. श्रद्धा के दोस्तों के साथ किए गए चैट और उस वक्त श्रद्धा की मदद करने वाले लोगों ने इसकी विस्तार से जानकारी दी है. ऐसे ही एक शख्स हैं गॉडविन रोड्रिग्स. जिन्होंने नवंबर 2020 में श्रद्धा की मदद की थी. तब वो श्रद्धा को जानते भी नहीं थे. गॉडविन ने एनडीटीवी को बताया कि उसके ऑफिस से फोन आने के बाद उन्होंने श्रद्धा की मदद की थी. 

गॉडविन ने बताया कि नवंबर 2020 में ही श्रद्धा के लिव-इन-पार्टनर आफताब ने गला दबाकर उसे जान से मारने की कोशिश की थी. लेकिन किसी तरह खुद को बचाकर श्रद्धा फ्लैट से बाहर निकाली और मदद के लिए अपने ऑफिस में फोन किया. चुकि उसका ऑफिस दूर था और जल्द ही कोई उसकी मदद के लिए नहीं पहुंच सकता था. इसीलिए उसी कंपनी में काम करने वाले मेरे भाई ने मुझे फोन किया कि तुम पास में ही रहते हो, इसीलिए जल्द उसकी मदद करो.

उसने बताया कि श्रद्धा की अपने परिवार या किसी रिश्तेदार से बात नहीं होती थी. मैंने श्रद्धा का नंबर लेकर उसे फोन किया और अपने पास बुलाया. जब वो मेरे पास आयी तो उसके चेहरे और शरीर के कई हिस्सों पर गहरे चोट के निशान साफ दिखाई दे रहे थे. वो डरी हुई थी. मैं उसे अपने घर ले गया, उससे बात की और घटना की पूरी जानकारी ली. इसके बाद अपने एक दोस्त के साथ उसे पुलिस स्टेशन लेकर गए.

गॉडविन ने बताया कि हमने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई. फिर पुलिस ने उसका बयान लिया. उसने हमें भी बताया कि ये पहली बार नहीं है, इससे पहले भी कई बार उसके साथ ऐसा हो चुका है. बाद में उसके कहने पर हमने दवाई भी दी थी. आफताब के बारे में पूछने पर श्रद्धा ने बताया कि वो ड्रग्स बेचता है और इसका सबूत भी मेरे पास है.

गॉडविन ने कहा कि श्रद्धा ने कहा कि आफताब के माता-पिता भी इन सब में उसकी मदद करते हैं. पुलिस स्टेशन में शिकायत और इलाज के बाद श्रद्धा को मैं अपने घर ले आया, फिर श्रद्धा के फोन पर आफताब के लगातार कॉल आने लगे. आफताब ने मेरे साथ भी गाली-गलौज के साथ बात की और फिर आफताब के माता-पिता के फोन आने पर वो शाम को अपने घर चली गई. हालांकि उसने फिर से अगली सुबह मुझे फोन किया और कहा कि वो ठीक है और सुधार की बात कही है.

वहीं उसने बताया कि बाद में पता नहीं क्यों श्रद्धा ने कानूनी कार्रवाई से इनकार कर दिया था और अपनी शिकायत वापस ले ली थी. फिर बाद में श्रद्धा को नई नौकरी मिली थी तो उसने मुझे फोन भी किया था. वो दुबई में सेटल होने की बात कह रही थी. हालांकि बाद में उन दोनों ने शहर ही बदल लिया और हमारा संपर्क खत्म हो गया, फिर बाद में ये दुखद खबर सुनने को मिला.

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