केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘प्रबंधन गुरु' और देश में मीठी क्रांति लाने वाले ‘हेडमास्टर' की संज्ञा दी. केंद्र की मोदी सरकार में ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग संभालने वाले सिंह गुजरात में यहां ग्रामीण प्रबंधन संस्थान आणंद (आईआरएमए) के 42वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे. मंत्री ने कहा कि हरित क्रांति को कृषि वैज्ञानिक एम. एस. स्वामीनाथन से जोड़ने के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी इसका श्रेय दिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘स्वामीनाथन एक वैज्ञानिक थे, हरित क्रांति की शुरुआत करने में अहम भूमिका उनकी थी. लेकिन लाल बहादुर शास्त्री ही थे, जिनके पास ऐसी क्रांति लाने की इच्छाशक्ति थी... जब भी हम शास्त्री को याद करेंगे, हमें स्वामीनाथन की याद अपने आप आएगी... आज उस पहल के लिए धन्यवाद, हम खाद्यान्न निर्यात करते हैं.''
उन्होंने शहद उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने संबंधी मोदी सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि वर्गीज कुरियन के नेतृत्व में दुग्ध उत्पादन में श्वेत क्रांति हुई और अब तीसरी क्रांति हुई है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता ने कहा, ‘‘(कोरोना वायरस) महामारी के बाद, मोदी को एक प्रबंधन गुरु के रूप में जाना जाता है और पूरी दुनिया उनके सामने सम्मान से सिर झुकाती है.'' सिंह ने स्नातक छात्रों से ग्रामीण भारत के लिए काम करने और गांवों में रहने वाले लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए समाधान खोजने का आग्रह किया.
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