Weather News: मई महीने में लू के बजाय बारिश, जानें- आखिर क्यों बदल रहा मौसम का मिजाज?

इस साल मई इतना ठंडा-ठंडा रहा कि पिछले 37 साल का रिकॉर्ड टूट गया. पिछले साल 1 मई को देश का औसम अधिकतम तापमान 43.5 डिग्री सेल्सियस था. ये इस साल 28.7 डिग्री सेल्सियस ही रहा.

नई दिल्ली:

इस साल फरवरी से अब तक 4 महीनों में मौसम (Weather Update) का अलग ही अंदाज दिखा. जब ठंड होनी थी, तो गर्मी पड़ी. जब गर्मी की बारी आई तो बारिश होने लगी. मई में लू चलने के बजाय बारिश होने लगी. केदारनाथ, बद्रीनाथ समेत पहाड़ी इलाकों में तो बर्फबारी (Snowfall) भी हुई. दिल्ली में पिछले साल इस समय जो तापमान था, अभी तापमान उससे कई डिग्री नीचे जा रहा है. पिछले हफ्ते कई राज्यों में तेज बारिश (Heavy Rain in Delhi) हुई. तूफान आया और कुछ जगहों पर ओले भी पड़े. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या गर्मी के मौसम में गर्मी खत्म हो गई है? आखिर मौसम का मिजाज क्यों बदल रहा है?

फरवरी में शिमला तक का हाल गर्मी से बेहाल हुआ. मार्च में बारिश ने फसलों को नुकसान पहुंचाया. अप्रैल में भी आंधी तूफान और बारिश ने तपिश महसूस नहीं होने दी. मई में तापमान पहले जहां 40 - 45 डिग्री तक पहुंचता था. लेकिन इस साल मई इतना ठंडा-ठंडा रहा कि पिछले 37 साल का रिकॉर्ड टूट गया. पिछले साल 1 मई को देश का औसम अधिकतम तापमान 43.5 डिग्री सेल्सियस था. ये इस साल 28.7 डिग्री सेल्सियस ही रहा.
 
वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से मौसम में हो रहा उतार-चढ़ाव

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के सीनियर वैज्ञानिक डॉक्टर नरेश कुमार बताते हैं, "मौसम में ये उतार-चढ़ाव वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (Western Disturbance) यानी पश्चिमी विक्षोभ की वजह से हो रहा है. मई में गर्मी नहीं रही. जबकि पिछले साल मार्च और अप्रैल बहुत गर्म रहा था. उस वक्त आए पश्चिमी विक्षोभ का मैदानी इलाकों में कोई प्रभाव नहीं दिखा था. मार्च से ही पिछले साल हीटवेव महसूस किया गया था. लेकिन इस साल फरवरी से पश्चिमी विक्षोभ और उसका असर जम्मू-कश्मीर में दिखा. कई पहाड़ी इलाकों में तापमान बढ़ गया था."

डॉक्टर नरेश कुमार बताते हैं, "मार्च में पश्चिमी विक्षोभ की फ्रीक्वेंसी बढ़ गई है. मैदानी इलाकों में इसका असर भी ज्यादा दिख रहा है. इसी कारण मौसम में बदलाव हो रहे हैं. तापमान में बढ़ोतरी नहीं देखी जा रही है."

1901 के बाद दूसरी बार सबसे ठंड रहा मई
1901 के बाद दूसरी बार ऐसा हुआ है जब मई का महीना सबसे ठंडा रहा. वैसे तो आमतौर पर दिल्ली में मई में पारा अधिकांश दिनों में 40 के पार ही रहता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं था. दिल्ली में इस बार मई के महीने में केवल 9 दिन ही ऐसे रहे जब पारा 40 के पार पहुंचा. पिछले एक दशक में बारिश का भी रिकॉर्ड टूटा है. कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है. 

बारिश की वजह से साफ हुई दिल्ली की हवा
बारिश की वजह से दिल्ली की हवा भी साफ हुई है. दिल्ली में इस साल जनवरी से मई की अवधि में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 213 दर्ज किया गया, जो 2020 को छोड़कर, 2016 के बाद से सबसे कम है. पिछले साल इसी अवधि में एक्यूआई 237, 2021 में 235, 2020 में 181, 2019 में 236, 2018 में 242, 2017 में 251 और 2016 में 283 था.

मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली के मौसम में शुक्रवार से कुछ बदलाव होंगे. पारा चढ़ना शुरू होगा. अनुमान है कि तापमान धीरे धीरे 40 डिग्री तक पहुंचेगा. इसके साथ ही बिहार, पश्चिम बंगाल, और सिक्किम जैसे राज्यों में आने वाले तीन से चार दिनों में हीटवेव के आसार हैं. 
 

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