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This Article is From Jun 30, 2016

महाराष्ट्र : जर्मन बेकरी ब्लास्ट मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

महाराष्ट्र : जर्मन बेकरी ब्लास्ट मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
2010 में पुणे के जर्मन बेकरी में ब्लास्ट हुआ था
मुंबई: 2010 में पुणे में हुए जर्मन बेकरी ब्लास्ट मामले में महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले में एकमात्र दोषी मिर्ज़ा हिमायत बेग़ को बॉम्बे हाई कोर्ट ने आतंकवादी गतिविधियों, हत्या की साजिश, गैरकानूनी गतिविधियों के आरोपों से बरी कर दिया था जबकि विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। महाराष्ट्र सरकार ने अपील में कहा है कि बेग़ के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को खारिज किया जाए और फांसी की सजा को बरकरार रखा जाए।

ब्लास्ट का 18वां पीड़ित
गौरतलब है कि मिर्ज़ा हिमायत बेग़ को आतंकवादी गतिविधियों के तहत दोषी मानते हुए विशेष अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई थी। बॉम्बे हाई कोर्ट ने हिमायत बेग़ को आतंकवादी गतिविधियों के आरोपों से बरी कर दिया था। विस्फोटक रखने के लिए विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत दोषी मानते हुए उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई थी। सरकार का कहना है कि हिमायत बेग़ के खिलाफ पर्याप्त सबूत होने के बावजूद हाईकोर्ट ने उसको बरी कर दिया था। हिमायत बेग़ इस समय जेल में बंद है। जर्मन बेकरी ब्लास्ट में 17 लोगों की मौत हो गई थी और 50 लोग घायल हो गए थे। अप्रैल 2013 में जब विशेष अदालत ने बेग़ मौत की सज़ा सुनाई, उस समय वह अदालत में रो पड़ा था और कहा था की वह निर्दोष है। इतना ही नहीं उसने यह भी कहा था की वह ब्लास्ट का 18वां पीड़ित है। हालांकि इस मामले की जांच कर रही महाराष्ट्र ATS ने उसे मास्टर माइंड बताया था।

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