नागरिक उड्डयन, सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने 2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान किसी भी "सैन्य तख्तापलट की कोशिश" को खारिज कर दिया है. एक समाचार रिपोर्ट के बाद दावा किया गया था कि भारतीय सेना ने अपनी दो यूनिट की तैनाती को सरकार को सूचित किए बिना 16 जनवरी 2012 को बदला था.
जनरल वीके सिंह ने समाचार एजेंसी ANI को दिए एक खास इंटरव्यू में कथित सैन्य तख्तापलट को कोल-कल्पना करार दिया. वीके सिंह 2012 के दौरान आर्मी चीफ थे. उन्होंने कहा- "किसी ने पत्रकारिता की दुनिया में इस तरह की कल्पना नहीं की थी. कुछ लोगों द्वारा उकसाया गया, जो सेना की छवि को धूमिल करना चाहते थे. लेकिन मैं बता दूं कि वैसा कुछ नहीं हुआ था."
यह पूछे जाने पर कि 16 जनवरी 2012 की उस रात क्या हुआ था? जनरल सिंह ने कहा: "उससे लगभग एक सप्ताह पहले के समय पर वापस जाएं और आप उस पर रिसर्च करने में सक्षम होंगे". उन्होंने आगे कहा, '1988 में मालदीव में ऐसी संभावना थी कि राष्ट्रपति को सत्ता से हटा दिया जाएगा. हमारे पास ये जानकारी थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ था."
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'समाचार रिपोर्ट प्रकाशित करने वाला एक पत्रकार कभी भी एक सेना प्रमुख पर इंटरव्यू से इनकार करने के कारण संभावित तख्तापलट का आरोप नहीं लगाएगा.'
बता दें कि 16 जनवरी 2012 की रात भारतीय सेना की दो टुकड़ियों ने दिल्ली कूच किया. जिसके साथ 40 से ज्यादा टैंक ट्रांसपोर्टर्स थे. कुछ ही देर बाद दिल्ली से सवा 2 सौ किलोमीटर दूर आगरा में तैनात 50वीं पैरा ब्रिगेड की टुकड़ी ने भी दिल्ली मूव किया. इसे लेकर एक अखबार ने खबर छापी कि आर्मी की टुकड़ियों का दिल्ली कूच उस वक्त की यूपीए-2 की मनमोहन सिंह सरकार के तख्तापलट के लिए था. सरकार और सेना ने इसे सिरे से खारिज कर दिया था.
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