प्रधानमंत्री ने भारत की जी-20 अध्यक्षता से संबंधित पहलुओं पर राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और केन्द्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई एक बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत को मिली जी-20 की अध्यक्षता पूरे देश की है और यह देश के लिए अपनी ताकत दिखाने का एक अनूठा अवसर है. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में यह जानकारी दी.
बयान के मुताबिक़, प्रधानमंत्री ने टीम भावना के महत्व पर जोर देते हुए, इस आयोजन के संदर्भ में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का सहयोग भी मांगा. उन्होंने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता पारंपरिक बड़े महानगरों से परे, भारत के सुदूर हिस्सों को दुनिया के सामने लाने में अहम भूमिका निभाएगी.
पीएम ने कहा, 'इस प्रकार यह आयोजन हमारे देश के प्रत्येक हिस्से की विशिष्टता को दुनिया के सामने लायेगा।''
भारत की जी-20 की अध्यक्षता और इससे जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया की नजरों के बारे में सभी का ध्यान आकर्षित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को इस अवसर का उपयोग व्यापार, निवेश और पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने के लिए करना है.
उन्होंने कहा कि साथ ही भारत को एक ‘ब्रांड' के रूप में विकसित भी करना है. उन्होंने जी-20 के आयोजनों में पूरी सरकार और पूरे समाज के दृष्टिकोण से लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.
पीएमओ के मुताबिक कई राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों ने बैठक के दौरान अपने विचार साझा किए. बैठक को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी संबोधित किया और भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने एक प्रस्तुति दी.
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