बाल दिवस पर एक ऐसे बच्चे की कहानी, जिसकी हालत सरकार के दावों और प्रशासन के कामों पर कई गंभीर सवाल खड़े करती है।
ओडिशा के बोलांगीर जिले के रहने वाले सुशांत के एक हाथ में पस पड़ चुकी है और दर्द के मारे उसका बुरा हाल रहता है। सुशांत और उसका परिवार कर्नाटक में एक ईंट भट्टे में बंधुआ मजदूरी करता था। वहां सुशांत ने जब बिना दिहाड़ी काम करने से मना किया तो मालिक ने लोहे की रॉड से मार-मार कर उसके हाथ को बुरी तरह से घायल कर दिया।
एक एनजीओ की मदद से सुशांत और उसके परिवार को ईंट-भट्टे से छुड़ाया गया और उन्हें ओडिशा उनके घर भेज दिया गया। सुशांत की मदद के लिए सरकार ने कई दावे किए थे और और उसका इलाज कराने का भरोसा दिया था, लेकिन सुशांत को अभी तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है।
एनडीटीवी की टीम जब सुशांत के घर पहुंची तो हमने देखा कि सुशांत के हाथ में पस पड़ चुकी है और उसे तुरंत इलाज की जरूरत है हालांकि सुशांत के जज्बे को सलाम करना चाहिए क्योंकि एक हाथ बेकार होने के बाद भी वह स्कूल जाता है और पढ़कर कुछ बनने का इरादा रखता है।
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