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This Article is From Dec 28, 2022

दिल्ली के किसी भी सरकारी अस्पताल में कोविड वैक्सीन की मुफ्त बूस्टर डोज उपलब्ध नहीं

सरकारी अस्पतालों में 60 से आयु के लोगों को मुफ्त वैक्सीन डोज लगाई जाती है, निजी अस्पतालों में यह सभी के लिए यह 400 रुपये में उपलब्ध

दिल्ली के किसी भी सरकारी अस्पताल में कोविड वैक्सीन की मुफ्त बूस्टर डोज उपलब्ध नहीं
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी में किसी भी सरकारी अस्पताल में मुफ्त कोविड वैक्सीन उपलब्ध नहीं हैं, जबकि निजी अस्पतालों में 386.25 रुपये में कोविड वैक्सीन अगले कुछ दिनों तक उपलब्ध रहेगी. यानी निजी अस्पतालों में भी समुचित मात्रा में वक्सीन उपलब्ध नहीं है. यह स्थिति तब है जब चीन और अन्य देशों में कोरोना वायरस संक्रमण बढ़ने पर सरकार लोगों को "प्रिकाशन डोज" या बूस्टर डोज तुरंत लेने के लिए कह रही है. सरकारी अस्पतालों में सामान्य दो डोज सभी के लिए मुफ्त हैं, जबकि 60 से अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए बूस्टर डोज मुफ्त है.

आधिकारिक पूछताछ और बुकिंग पोर्टल CoWIN पर सर्च करने पर उत्तर और उत्तर पूर्वी दिल्ली में वैक्सीन की उपलब्धता शून्य दिखाई दी. जबकि शहर के अन्य क्षेत्रों में निजी अस्पतालों में कुछ डोज उपलब्ध थीं. उदाहरण के लिए, मध्य दिल्ली में निजी अस्पताल में 13 स्लॉट उपलब्ध थे. पूर्वी दिल्ली में पांच और दक्षिण पूर्व में 29 डोज उपलब्ध मिले.

CoWIN पर सर्च के अलावा दिल्ली के सबसे बड़े सरकारी स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में से एक एलएनजेपी अस्पताल का दौरा करने पर पता चला कि बूस्टर डोज उपलब्ध नहीं है. साथ ही दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इस महीने सिर्फ तीन दिन ही टीकाकरण हुआ है.

कोरोनो वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन की सामान्य दो खुराकें अब तक पात्र आबादी के 90 प्रतिशत से अधिक लोगों ने लगवा ली हैं. दिल्ली में केवल करीब 20 प्रतिशत लोगों और पूरे भारत में 30 प्रतिशत से कम लोगों ने बूस्टर डोज लगवाया है. पिछले कुछ महीनों में कोरोना के मामलों में कमी आने के कारण ऐसा हुआ है. 60 से अधिक आयु वर्ग के लोग सरकारी अस्पतालों में मुफ्त बूस्टर डोज लगवा सकते हैं.

केंद्र सरकार ने लोगों के बीच बूस्टर डोज को लेकर इस सामान्य उदासीनता को रेखांकित किया है और राज्यों से जागरूकता अभियान चलाने को कहा है.

भारत में कोरोना के मामले नाटकीय रूप से नहीं बढ़े हैं. सात दिन का औसत आज की तुलना में 200 से कम है. लेकिन आशंकाएं बढ़ गई हैं क्योंकि चीन में हालात बहुत खराब हो चुके हैं. चीन तीन साल पहले महामारी शुरू होने के बाद से अब तक के सबसे खराब हालात का सामना कर रहा है. वहां एक दिन में तीन करोड़ से अधिक मामले आने का अनुमान है.

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